Asaduddin Owaisi: कतर के एक कोर्ट ने भारतीय नेवी के आठ एक्स अफसरान को मौत की सजा सुनाई है. इस बीच विपक्ष के नेताओं ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्ष के लीडर्स का कहना है कि जब इस मुद्दे पर चर्चा की, तो केंद्र सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है. इसी क्रम में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और AIMIM समेत कई दलों ने सरकार को घेरा है. पिछले साल इन 8 भारतीयों को जासूसी के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था. 


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इस बीच AIMIM के चीफ और सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी को सभी पूर्व कर्मियों को वापस लाना चाहिए." ओवैसी ने कहा, "अगस्त में मैंने कतर में फंसे नौसेना के पूर्व अधिकारियों का मुद्दा उठाया था. आज उन्हें मौत की सजा दी गई है. पीएम मोदी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं कि इस्लामिक मुल्क उनसे कितना प्यार करते हैं. उन्हें पूर्व अधिकारियों को वापस लाना चाहिए. ये बेहद ही दुर्भाग्य की बात है कि उन्हें मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है."


इसके अलावा कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा "सरकार ने पूर्व कर्मियों के परिवार के सदस्यों, पूर्व सैनिक लीग और यहां तक ​​कि सांसदों के अनुरोध को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया." उन्होंने कहा, "ये वो मुद्दा नहीं है, जहां हम ये कहें कि 'उसने ये कहा, तो उसने ये बोला'. 8 बहुत ही ज्यादा सीनियर कर्मियों की जान दांव पर लगी हुई है." उन्होंने कहा, "उनके परिजनों को कभी ये नहीं बताया गया कि उनके ऊपर क्या इल्जाम हैं. मुझे बताया गया है कि उनके बचाव के लिए नियुक्त वकील भी परिवारों के साथ टाल-मटोल कर रहा है."


कांग्रेस पार्टी ने एक बयान जारी कर इस मुद्दे पर अपनी राय वक्त की है. कांग्रेस ने कहा, "कांग्रेस नौसेना के 8 पूर्व अफसरान के मामले में कतर से आई जानकारी से काफी परेशान है. पार्टी को न सिर्फ उम्मीद है, बल्कि ये मानकर चल रही है कि भारत सरकार कतर के साथ अपने डिप्लोमेट और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करेगी, ताकि नौसेना के पूर्व अफसरान को अपील का अधिकार मिले. साथ ही उन्हें जल्द से जल्द रिहा कराने की पूरी कोशिश की जाए."


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