Balochistan News: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रही है. आए दिन पाक आर्मी और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के बीच मुठभेड़ हुए हैं. जिसमें कई पाक सेना और बलूच संगठन के लोगों की मौत हो गई है. इस बीच सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. इस बीच बलूचिस्तान में चार लोगों के शव सनसनी फैल गई है. जिसके बाद बलूचिस्तान के फिक्रमंद लोगों को बलूचिस्तान में नरसंहार का डर सताने लगा है.


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बलूच अधिकारों की वकालत करने वाले संगठन बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) ने आज यानी 30 अगस्त को कहा कि बलूचिस्तान में चार लोगों के शव पाए गए हैं.इस मालूम होता है कि पाकिस्तान के जरिए लागू की गई बलूच नरसंहार नीति के बढ़ने का संकेत है. 


चार लोगों के शव मिलने से मचा हड़कंप
बीवाईसी ने आज यानी 30 अगस्त को एक बयान में मौजूदा हालात को खतरनाक करार देते हुए दावा किया कि बलूचिस्तान के मुख्तलिफ इलाकों में कई क्षत-विक्षत शव पाए गए हैं. चार शवों की पहचान फैयाज जातक, निसार अहमद जेहरी, नईम अहमद और सईद अहमद के रूप में की गई है, जबकि बाकी पीड़ितों की पहचान की पुष्टि होनी बाकी है.


बलूचिस्तानियों को सता रहा है नरसंहार का डर
बीवाईसी के मुताबिक, मौजूदा प्रवृत्ति बलूचिस्तान में उत्पीड़न और क्रूरता में नए सिरे से बढ़ोतरी को दर्शाती है. बीवाईसी का यह भी दावा है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान इलाके में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए बल और हिंसा पर निर्भर बलूच नरसंहार की अपनी नीति को जारी रखने के लिए दृढ़ है. इस कृत्य ने क्षेत्र में मानवीय संकट को और भी बदतर बना दिया है, जिसमें एक ही दिन में कई नौजवानों की हत्या कर दी गई और उनकी विकृत लाशों को परंपराओं और रीति-रिवाजों की परवाह किए बिना फेंक दिया गया.


मानवाधिकार संकट को कैसे होगा दूर
बीवाईसी ने अपने बयान में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से बलूचिस्तान में सामने आ रहे गंभीर मानवाधिकार संकट को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार की हिंसक नीतियों से क्षेत्र में लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ रही है और आगे और अत्याचारों को रोकने के लिए त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता है.


रातों-रात लोग हो जा रहे हैं गायब
प्रमुख बलूच अधिकार कार्यकर्ता महारंग बलूच ने भी एक्स पर एक पोस्ट में इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई. उन्होंने कहा, "बलूचिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों से जबरन गायब किए गए पीड़ितों के कई विकृत शव बरामद किए गए हैं. यह बेहद चिंताजनक है. राज्य जबरन लोगों को गायब कर देता है, उन्हें महीनों या सालों तक अपने पास रखता है, फिर उन्हें मार देता है और उनके विकृत शवों को फेंक देता है. यह बलूच नरसंहार से कम नहीं है.