Sunni Ittehad Council Petition Reject: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान के पेशावर हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) द्वारा दायर एक अर्जी को खारिज कर दिया. ये काउंसिल इमरान खान की पार्टी के MLAs के लिए एक मंच के तौर पर काम कर रही है, जिससे उसे नेशनल और प्रांतीय सभाओं में महिला और अल्पसंख्यक सीटें अलॉट हो सकें. जियो न्यूज की खबर के मुताबिक, पांच सदस्यीय पेशावर हाई कोर्ट ने एसआईसी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए आम राये से इसे नामंजूर कर दिया.


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इलेक्शन कमीशन पाकिस्तान  (ECP) ने 4-1 के बहुमत के फैसले में  4 मार्च को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ हामी एसआईसी की सीटें हासिल करने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. कमीशन ने रिजर्व सीटों के लिए पार्टी फहरिस्त प्रस्तुत करने में गैर उपचारात्मक कानूनी दोष और अनिवार्य प्रावधानों की खिलाफवर्जी का हवाला दिया था. पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) मंसूर उस्मान अवान और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) और ईसीपी के वकीलों ने बुधवार को अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं.



एजीपी अवान ने दलील दी थी कि, एक सियासी पार्टी को आरक्षित सीटें तभी मिल सकती हैं जब वह जनरल सीट जीतेगी. ईसीपी के वकील सिकंदर बशीर मोमंद ने उनकी दलीलों की हिमायत करते हुए कहा कि सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल एक सियासी पार्टी है, लेकिन संसदीय नहीं. इस बीच, इलेक्शन कमीशन ने ऐलान किया कि नेशनल असेंबली की छह खाली सीटों और सूबाई असेंबली की 17 सीटों के लिए उपचुनाव 21 अप्रैल को होंगे. ये सीटें 8 फरवरी के आम चुनाव में एक से ज्यादा सीटों पर चुने गए उम्मीदवारों द्वारा दूसरी सीट छोड़ने के बाद खाली हो गईं. कानून अमल के मुताबिक, एक उम्मीदवार असीमित तादाद में सीटों पर इलेक्शन लड़ सकता है, लेकिन जीतने पर सिर्फ एक ही सीट बरकरार रख सकता है.