Pakistan MPox case: स्वीडन के बाद अब पाकिस्तान में भी तीन मरीजों में एमपॉक्स वायरस के लक्षण मिले हैं. एमपॉक्स वायरस एक ऐसा वायरल इन्फेक्शन है जो एक दूसरे के कॉन्टैक्ट में आने से फैलता है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हेल्थ डिपार्टमेंट के हवाले से इस बात की जानकारी दी है. जिन पाकिस्तानी नागरिकों में इस वायरस की पुष्टि हुई है वह युनाइटेड अरब अमिरात से लौटे थे.


WHO ने एमपॉक्स को लेकर क्या कहा?


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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दो सालों में दूसरी बार एमपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी होने का ऐलान किया है. यह ऐलान कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में प्रकोप के बाद किया गया है, जो बाद में दूसरे देशों में भी फैल गया. पाकिस्तान में पहले भी एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं, हालांकि यह साफ नहीं है कि हाल के रोगियों में कौन सा टाइप पाया गया था.


गुरुवार को स्वीडन में आए थे मामले


गुरुवार को स्वीडन में एमपॉक्स वायरस का पहला मामला सामने आया था. हेल्थ और सोशल मामलों के मंत्री जैकब फोर्समेड ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमें दोपहर में इस बात की पुष्टि हुई है कि स्वीडन में एमपॉक्स के अधिक गंभीर प्रकार का एक मामला है, जिसे क्लेड I कहा जाता है."


एमपॉक्स, जो क्लोज़ कॉन्टैक्ट से फैलता है, आम तौर पर हल्का होता है लेकिन दुर्लभ मामलों में मौत का कारण बन सकता है. वायरस से पीड़ित शख्स में फ्लू जैसे लक्षण और त्वचा पर मवाद भरे घाव दिखाई देते हैं. 


सामने आया नया वैरिएंट


कांगो में प्रकोप शुरू में स्थानिक क्लेड I स्ट्रेन से जुड़ा था, लेकिन एक नया वैरिएंट, क्लेड Ib, सामने आया है, जो सेक्शुअल ट्रांसमीशन के साथ-साथ क्लोज़ कॉन्टैक्ट के जरिए से ज्यादा आसानी से फैलता है. यह वैरिएंट अब बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में फैल गया है.