मुल्तानः पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में जिन ईसाईयों के घर जला दिए गए थे, उनमें से लगभग 100 ईसाई परिवारों को सोमवार को हजारों डॉलर मुआवजे के तौर पर दिए गए हैं. मुआवजा अगले 48 घंटों के अंदर सभी जरूरतमंदों तक पहुंचा दिया जाएगा. इसके अलावा हमले में क्षतिग्रस्त चर्चों की मरम्मत भी शुरू कर दी गई है.   पिछले हफ्ते कुरान के कथित अपमान से नाराज मुस्लिम समुदाय की एक भीड़ ने ईसाईयों के घरों में आग लगाकर उसे जला दिया था. कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर की सरकार ने सोमवार को कहा कि सभी परिवार को मुआवजे के तौर पर 2 मिलियन रुपये (6,800 डॉलर) दिए गए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पुलिस ने कहा कि उन्होंने चल रही छापेमारी में दर्जनों और दंगाइयों को गिरफ्तार किया है, जिससे जारनवाला शहर में हुए हमलों में हिरासत में लिए गए लोगों की कुल तादाद 160 हो गई है. बुधवार को, सैकड़ों मुसलमानों ने एक ईसाई व्यक्ति और उसके दोस्त पर लगे इल्जामों को लेकर हंगामा किया था. उनपर इल्जाम था कि उन्होंने इस्लाम की पवित्र किताब का अपमान किया है.

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी सरकार 
इस हमले में हमलावरों से बचने के लिए जो ईसाई अपने घर छोड़कर भाग गए थे. उन्हें डर है कि उनकी जली हुई इमारतें ढह सकती हैं. या उनपर फिर से हमला किया जा सकता है. यह हिंसा, देश के इतिहास में सबसे विनाशकारी हिंसा में से एक थी, जिसकी मुल्कगीर सतह पर निंदा की गई है. काकर ने सोमवार को हमले के कुछ पीड़ितों से मिलने और मुआवजा सौंपने के लिए क्षेत्र की यात्रा किया. उन्होंने वादा किया कि राज्य ईसाई, हिंदू, सिख और अहमदी सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. काकर ने कहा कि किसी भी दंगाई को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने हमलों के पीछे के लोगों को “मानवता के दुश्मन" बताया है.

 26 चर्चों पर हमले किए गए  
इससे पहले दिन में, पंजाब प्रांत, जहां जारनवाला स्थित है, के शीर्ष अधिकारी मोहसिन नकवी ने मुआवजे की घोषणा की थी. नकवी ने इतवार को शहर का दौरा किया था और जले हुए चर्च में स्थानीय अधिकारियों की बैठक की थी. पुजारी खालिद मुख्तार ने स्थानीय ईसाइयों के बारे में कहा, “वे अपनी सुरक्षा के लिए फिक्रमंद हैं, वे अपने बच्चों के लिए फिक्रमंद हैं. वह अभी भी सदमे में हैं." उन्होंने कहा, "जारनवाला में सभी 26 चर्चों पर हमला किया गया और उसे जला दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया." 

तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान पार्टी ने भड़काई थी हिंसा 
दंगाइयों ने कहा था कि एक मकामी ईसाई और उसके दोस्त ने कुरान के पन्ने फाड़ दिए, उन्हें जमीन पर फेंक दिया और अन्य पन्नों पर अपमानजनक टिप्पणियाँ लिखीं. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि कट्टरपंथी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान पार्टी के स्थानीय नेताओं ने भी लोगों को हिंसा के लिए उकसाया, जिसके दौरान एक ईसाई कब्रिस्तान को अपवित्र कर दिया गया. इस पार्टी का स्वीडन, डेनमार्क और अन्य जगहों पर कुरान के अपमान को लेकर पाकिस्तान में हिंसक रैलियां आयोजित करने का इतिहास रहा है. 


गौरतलब है कि पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों के तहत, इस्लाम का अपमान करने का कसूरवार पाए जाने वाले किसी भी शख्स को मौत की सजा दी जा सकती है.