Pakistan on Ram Mandir: राम मंदिर का उद्घाटन हो गया है और पूरा मुल्क रामलला की भक्ति में लीन हो गया है. इस बीच पाकिस्तान ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. पाकिस्तान ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) की यह टिप्पणी पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुआई में 22 जनवरी को एक समारोह के दौरान अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के उद्घाटन के बाद आई है. 


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विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "सदियों पुरानी मस्जिद को 6 दिसंबर 1992 को चरमपंथियों की भीड़ ने ढहा दिया. दुर्भाग्य से भारत के सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ अपराधियों को रिहा कर दिया बल्कि जिस जगह मस्जिद ढहाई गई, वहां मंदिर निर्माण की भी इजाजत दे दी. "



पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, "बीते 31 सालों के घटनाक्रम आज यानी 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा तक पहुंचे हैं. ये इंडिया में बढ़ते बहुसंख्यकवाद की तरफ इशारा करते हैं. ये भारतीय मुसलमानों को राजनीतिक और सामाजिक तौर पर हाशिए पर डालने की कोशिशों को दिखाते हैं." 


बयान में आगे कहा गया है, "ढहाई गई मस्जिद के जगह पर बना राम मंदिर भारत के लोकतंत्र पर लंबे वक्त तक धब्बे की तरह रहेगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह सहित ऐसे मस्जिद की सूची बढ़ती जा रही है, जिनपर ऐसे ही ढहाए जाने का खतरा बना हुआ है."


विदेश मंत्रालयन ने कहा, "भारत में 'हिंदुत्व' विचारधारा की तेज़ लहर सांप्रदायिक सौहार्द्र और क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर ख़तरा बन गई है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नफरती भाषण और हेट क्राइम्स का संज्ञान लेना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र और दूसरे संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इंडिया में इस्लामी धरोहर स्थलों को चरमपंथी गुटों से बचाने की कवायद में अपनी भूमिका निभानी चाहिए." इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत सरकार से मुसलमानों सहित धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यक समुदायों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा.