Pak Taliban Hit Pakistan Army: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और पाकिस्तानी सेना के बीच चल रहे संघर्ष ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. खबरों के मुताबिक, TTP ने अब सीधे तौर पर सेना से जुड़ी कंपनियों और संस्थानों को निशाना बनाने का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान के बाद पाकिस्तानी सेना के अंदर काफी डर का माहौल पैदा हो गया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में सैनिक इस्तीफा दे रहे हैं.


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सेना की ताकत को कमजोर करने की तैयारी
TTP के प्रवक्ता मोहम्मद खोरासानी ने अपने हालिया बयान में साफ कहा है कि पाकिस्तानी सेना की असली ताकत उसकी कमाई है, जिनकी बदौलत वह पिछले 70 सालों से देश पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं. खोरासानी ने चेतावनी दी है कि इन आय स्रोतों को खत्म करना TTP का असली मकसद है. 


किन कंपनियों पर है TTP का निशाना?
TTP ने उन कंपनियों और संस्थानों की सूची भी जारी की है, जिन पर वह हमले की योजना बना रही है। इनमें शामिल हैं:
फौजी सीमेंट कंपनी लिमिटेड
अस्करी बैंक लिमिटेड
फौजी फर्टिलाइजर कंपनी लिमिटेड
फौजी फूड्स लिमिटेड
अस्करी सीमेंट लिमिटेड
अस्करी फ्यूल्स
नेशनल लॉजिस्टिक सेल (NLC)
फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (FWO)
पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री (POF)
फौजी फाउंडेशन
डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी (DHA)


निवेशकों और व्यापारियों को धमकी
TTP ने न केवल इन कंपनियों को निशाना बनाने का ऐलान किया है, बल्कि इसमें निवेश करने वाले निवेशकों और व्यापारियों को भी चेतावनी दी है. खोरासानी ने कहा, "जो लोग सेना से जुड़ी कंपनियों में शेयर रखते हैं, वे तीन महीने के भीतर अपने शेयर बेच दें. अगर ऐसा नहीं किया गया तो उन्हें इसके नतीजे काफी बुरे होगा."
इसके अलावा, सेना से जुड़े उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को भी धमकी दी गई है. TTP ने कहा है कि दुकानदार अपने स्टॉक को दो महीने के अंदर खत्म कर लें और कोई अन्य विकल्प तलाशें, अन्यथा उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा. 


सैनिकों के इस्तीफे बढ़े
TTP के लगातार बढ़ते हमलों के कारण पाकिस्तानी सेना के जवानों में डर का माहौल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बड़ी संख्या में सैनिक सेना से इस्तीफा दे रहे हैं. पाकिस्तान में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. सेना और TTP के बीच यह टकराव आने वाले समय में और भी खतरनाक रूप ले सकता है.


सेना के व्यवसायों पर सीधा हमला
TTP ने अपने बयान में सेना के व्यवसायों पर सीधा हमला करने की तैयारी कर रहा है. उनका कहना है कि सेना की आर्थिक ताकत को कमजोर करना ही उनका असली मकसद है. 


देश में तनाव का माहौल
TTP के इस ऐलान के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और सामाजिक माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम सेना के आर्थिक ढांचे पर प्रहार करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.