World Press Freedom Day के दिन बलूचिस्तान में बम विस्फोट में पत्रकार की मौत, 7 घायल; 10 साल में इतने जर्नलिस्ट ने गंवाई जान
Balochistan Bomb Blast: पाकिस्तान के बलूचिस्तान एक हमले में सीनियर पत्रकार की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि इस हमले में 20 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए. एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादियों ने पिछले दस सालों में सैकड़ों पत्रकारों को निशाना बनाया है.
Balochistan Bomb Blast: पाकिस्तान के सबसे अशांत बलूचिस्तान प्रांत में शुक्रवार को एक जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसमें सीनियर पत्रकार की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, इस हमले में सात लोग बुरी तरह जख्मी हो गए. इसकी जानकारी पुलिस ने दी.
एक पुलिस अफसर ने बताया कि बलूचिस्तान के सुल्तान इब्राहिम रोड पर एक रिमोट-कंट्रोल बम ने गाड़ी को उड़ा दिया, जिसमें एक पत्रकार की मौके पर ही मौत गई. जबकि सात लोग घायल हो गए. उन्होंने कहा, सीनियर पत्रकार और खुजदार प्रेस क्लब के चीफ मुहम्मद सिद्दीक मेंगल की उस वक्त मौत हो गई जब खुजदार शहर के बाहरी इलाके में सुल्तान इब्राहिम राजमार्ग पर एक रिमोट-कंट्रोल बम ने उनके वाहन को उड़ा दी. उन्होंने कहा, "विस्फोट में सात अन्य लोग भी घायल हुए हैं."
बता दें कि बलूचिस्तान में कई सालों से आतंकवादियों का नापाक हरकत जारी है. वो बलूचिस्तान और उससे सटे इलाकों में लगातार हमले कर रहे हैं. इससे पहले गुरुवार को डुकी जिले के थाइकेदार नड्डी के पास हुए दोहरे बारूदी सुरंग विस्फोटों में एक की मौत हो गई थी और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. पहला विस्फोट एक ट्रक के बारूदी सुरंग से टकराने पर हुई थी,जबकि दूसरा विस्फोट तब हुआ जब लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो रहे थे.
बलूचिस्तान में लगातार हमले
वहीं, पिछले शुक्रवार को कई अज्ञात हमलावरों ने पिशिन जिले के काली तारता इलाके में गोलीबारी कर एक डीएसपी और SHO समेत दो सीनियर पुलिस अफसरों को घायल कर दिया. जबकि इसी जिले के टंप इलाके में इसी तरह की एक घटना में हथियारबंद लोगों ने दो मजदूरों की हत्या कर दी.
10 साल में 53 पत्रकारों की हत्या
उल्लेखनीय है कि साल 2023 में रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स (RSF) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया था, जिसमें वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पाकिस्तान को 180 देशों में से 150वां स्थान मिला था. जबकि एक स्वतंत्र राष्ट्रीय मीडिया निगरानी संस्था, फ्रीडम नेटवर्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में 2012 से 2022 तक में कम से कम 53 पत्रकारों की हत्या कर दी गई, जिसमें केवल दो मामलों में आरोपी को सजा हुई है.