PM Narendra Modi Brunei Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई दौरे पर हैं. जहां, ब्रुनेई के क्राउन प्रिंस गाजी अल-मुहतार बिल्लाह ने रिसीव किया है. दोनों देश के बीच कई राजनीतिक समझौता होने वाले हैं. भारत के किसी पीएम की यह पहला दौरा है. ब्रुनेई के 29वें सुल्तान हसनल बोल्किया ने खुद पीएम मोदी को ब्रुनेई आने का न्योता दिया था. वहीं, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिहाज से ब्रुनेई काफी अहम देश है.


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चेन्नई से भी छोटा देश है ब्रुनेई
ब्रुनेई का पूरा नाम ब्रुनेई दारुस्सलाम है. यह दक्षिण पूर्व एशिया का एक छोटा सा मुल्क है, जो बोर्नियो द्वीप पर मौजूद है. ब्रुनेई कुल 5765 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यह मुल्क भारत के चेन्नई से भी छोटा है. इस देश की राजधानी बंदर सेरी बेगवान है. साल 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, ब्रुनेई की कुल आबादी 455,885 थी. जिसमें से करीब 2 लाख लोग राजधानी बंदर सेरी बेगवान में रहते हैं.


इस देश में है प्राकृतिक गैस के भंडार
ब्रुनेई क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से भले ही छोटा देश है, लेकिन उसके पास तेल और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं. इसकी अर्थव्यवस्था भी प्राक़तिक गैस भंडार पर चलती है. भारत ने ब्रुनेई के हाइड्रोकार्बन उद्योग में करीब 270 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. दोनों देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र तक के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. 


भारत के लिए अहम देश है ब्रुनेई
विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि कूटनीतिक दृष्टि से ब्रुनेई भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. खास तौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने के लिए ब्रुनेई का साथ बहुत जरूरी है. इसकी सीमा उत्तरी दक्षिण चीन सागर को छूती है, जहां चीन के साथ उसका विवाद रहा है.


ब्रुनेई में इतने रहते हैं भारतीय
भारत और ब्रुनेई दोनों ही अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. ब्रुनेई उन देशों में से एक है जहां भारतीय इतिहास रच रहे हैं. यहां ज़्यादातर भारतीय हेल्थ, टीचिंग और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े हैं. भारतीय उच्चायोग की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, यहां 14,500 भारतीय काम करते हैं. इसमें शिक्षकों और डॉक्टरों की संख्या ज़्यादा है.


ब्रुनेई के सुल्तान कितने अमीर हैं?
ब्रुनेई में 14वीं सदी से राजशाही है. मौजूदा वक्त में हाजी हसनल बोल्कियाह ब्रुनेई के सुल्तान हैं. वे 1967 से सुल्तान की गद्दी पर हैं. 1984 में जब अंग्रेज यहां से चले गए, तो बोल्कियाह प्रधानमंत्री भी बने. ब्रुनेई के सुल्तान बोल्कियाह की गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होती है. 


सोने का है महल
ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्कियाह दुनिया के सबसे बड़े महल में रहते हैं. उनका महल 'इस्ताना नूरुल ईमान' दुनिया के सबसे महंगे और आलीशान महलों में से एक है. 20 लाख वर्ग फीट में फैले इस महल का निर्माण साल 1984 में हुआ था और उस समय इसकी लागत करीब 50 लाख रुपये थी. सुल्तान महल 'इस्ताना नूरुल ईमान' में एक सोने का गुंबद बनाया गया है. जिसको 22 कैरेट के सोने से बनाया गया है. इस महल में 1700 कमरें, 250 से ज्यादा आधुनिक बाथरूम और 5 स्विमिंग पूल है. इस महल में 200 से ज्यादा गाड़ी को पार्क किया जा सकता है.


सोने का है निजी विमान
ब्रुनेई के सुल्तान अपनी आलीशान लाइफस्टाइल के लिए भी पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सुल्तान को लग्जरी कारों से लेकर घोड़ों तक का शौक है. उनके अस्तबल में करीब 200 घोड़े हैं. इसके अलावा उनके पास 700 से ज्यादा लग्जरी कारें हैं. जिनमें 300 फेरारी और करीब 500 रोल्स रॉयस भी शामिल हैं. इनकी कीमत 5 अरब डॉलर से ज्यादा है. सुल्तान बोल्कियाह बोइंग 747 विमान में सफर करते हैं, जिसकी कीमत 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा है. यह निजी विमान सोने से मढ़ा हुआ है.