Arab India Relation: भारत के प्रधानमंत्री के बारे में कहा जाता है कि जबसे वह सत्ता में आए हैं, तब से भारत के विदेशों से रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं. 21 दिसंबर यानी आज से दो दिनों के लिए पीएम मोदी अरब देश कुवैत जा रहे हैं. 43 साल पहले 1981 में PM इंदिरा गांधी कुवैत गई थीं. इसके बाद अब पीएम मोदी कुवैत की यात्रा करेंगे. पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में विदेशों खासकर अरब देशों से रिश्ते अच्छे किए हैं. इसकी कई वजहें हैं.


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1. अच्छी विदेश नीति
पीएम मोदी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 13 बार अरब देशों का दौरा किया है. यह उनका 14वां दौरा है. वह 7 बार संयुक्त अरब अमीरात (UAE), 2 बार कतर, 2 बार सऊदी और एक-एक बार ओमान और बहरीन जा चुके हैं. बीबीसी ने अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार प्रोफेसर स्वस्ति राव के हवाले से लिखा है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान बढ़ाने के लिए कई क़दम उठाए हैं. मध्य पूर्व पर ख़ास ध्यान देने की अहम वजह कारोबारी रिश्ते हैं."


2. अरब देशों में भारतीयों की आबादी
भारत की बड़ी आबादी काम करने के लिए अरब देशों का रुख करती है. भारत से इन देशों के रश्ते मजबूत होने की दूसरी बड़ी वजह है. एक डेटा का मुताबिक कुवैत में करीब में 10 लाख भारतीय रहते हैं. यूएई में तकरीबन 35 लाख. वहीं सऊदी अरब में 26 लाख लोग रहते हैं. ये लोग भारत में अच्छा खासा पैसा भेजते हैं. ये लोग भारत में तकरीबन 4.7 अरब डॉलर रुपये भारत भेजते हैं. यह पैसे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है.


3. अरब देशों से ईंधन का आयात
भारत में ईंधन जैसे तेल और गैस अरब देशों से ही आता है. भारत UAE, सऊदी अरब, कुवैत और कतर से ईंधन मंगाता है. इसलिए भारत इन देशों से अपने रिश्ते मजबूत रखता है. कुवैत से भारत 3 फीसद तेल मंगाता है. भारत इसलिए भी अरब देशों से अपने रिश्ते मजबूत रखना चाहता है क्योंकि वह वहां से तेल मंगाता है. जानकार मानते हैं कि भारत ने भले ही रूस से ईंधन खरीदना शुरू कर दिया हो, लेकिन भारत अपनी ईंधन की जरूरतों के लिए अरब देशों पर निर्बर रहेगा.


4. पैसे से मजबूत हैं ये देश
अरब देश जिसमें सऊदी अरब, कतर, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं आर्थिक रूप से काफी मजबूत हैं. ऐसे में भारत इन देशों से सहयोग चाहता है, ताकि भारत इनके साथ अपनी आवाज मिला सके. 


5. सुरक्षा 
भारत हिंद महासागर में सुरक्षा के मद्देनजर इन देशों से अच्छे रिश्ते रख रहा है. भारत के लिए आतंकवाद और सुरक्षा बड़ा मुद्दा है. ऐसे में भारत अरब देशों से सुरक्षा जानकारी भी लेता-देता है.