Riyadh News: सऊदी अरब साम्राज्य (THE KINGDOM OF SAUDI ARABIA ) ने उन लोगों को सलाह दी है जो मदीना में नमाज पढ़ने और रावदा जाने की ख्वाहिश रखते हैं. उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे पहुंचने से पहले परमिट हासिल कर लें. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के मुताबिक सऊदी  के हज और उमरा मंत्रालय ने संभावित ज़ायरीन को आने से पहले जरूरी परमिट हासिल करने के लिए दरख्वास्त किया है. मंत्रालय ने कहा कि परमिट नुसुक और तवाक्कलाना के माध्यम से हासिल किए जा सकते हैं. यह सलाह तब आई है जब उमरा करने वाले जायरीन के लिए ये मौसम सबसे अच्छा माना जाता है.


मक्का में पाक ग्रैंड मस्जिद ( Grand Mosque ) में उमरा की रस्में अदा करने के बाद, जायरीन मदीना में पैगंबर मुहम्मद साहब की मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए जाते हैं. और फिर उसके बाद रावदा चले जाते हैं.
 
10 मिलियन लोग इस साल कर सकते हैं उमरा 
सऊदी अरब सरकार को ये उम्मीद है कि मौजूदा सीज़न के दौरान विदेशों से लगभग 10 मिलियन मुसलमान उमरा करने के लिए आएंगे.


सऊदी किंगडम ने हाल के महीनों में उमरा करने वाले विदेशों से आये ज़ायरीन के लिए देश में कई सुविधाओं का अनावरण किया है. ये सुविधा उमरा करने वाले लाखों मुसलमानों के लिए है जो शारीरिक या आर्थिक रूप कमजोर हैं जो हर साल हज का खर्च नहीं उठा सकते हैं लेकिन वो उमरा करने के लिए सऊदी अरब आते हैं. 


क्या होता है उमरा?
उमरा इस्लाम क्वानीन के मुातबिक हरम शरीफ का जियरत करना है. उमरा साल में किसी भी वक्त किया जा सकता है. जायरीन काबा के चारों तरफ तवाफ करते हैं , उसके बाद नमाज अदा की जाती है. उमराह 15 दिनों तक की जाती है. जिसमें जायरीन को 8 दिन मक्का में और बाकी बचे 7 दिन  मदीन में गुजारना होता है. खास बात यह है कि हज के समय उमराह नहीं किया जा सकता है.