Saudi Arabia News: सऊदी अरब से एक बेहद हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार, महिलाओं ने रविवार, 7 जुलाई को किस्वाह (ग़िलाफ़-ए-काबा) बदलने की सालाना प्रथागत परंपरा में हिस्सा लिया है. सऊदी अथॉरिटी ने ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद के मामलों के लिए जनरल प्रेसीडेंसी की महिला कर्मचारियों की प्रोग्राम मे हिस्सा लेने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं.


1350 किलोग्राम का है गिलाफ-ए-काबा


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रविवार की सुबह 159 कारीगरों ने काबा का किस्वा बदला. नए किस्वा का वजन 1,350 किलोग्राम है और इसकी ऊंचाई 14 मीटर है. रविवार की सुबह 159 कारीगरों ने काबा का किस्वा बदला. किस्वाह को ऊपर उठाने, चार कोनों को सिलने, और काबा के नए किस्वा पर लालटेन के डिजाइन और आकृतियां डालने के लिए आठ क्रेनों का इस्तेमाल किया गया.



सऊदी में बढ़ती महिलाओं की हिस्सेदारी


हाल के सालों में राज्य ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई सुधारवादी बदलाव अपनाए हैं, जिनमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि महिलाएं कार चला सकें, खेल समूहों और स्टेडियमों में एंट्री ले सकें, इसके साथ ही ऐसे बिजनेस कर जो पहले सिर्फ पुरुषों के लिए आसान थे.



सऊदी महिलाओं को राज्य में सफर करने की इजाजत देने के बाद, 2019 से सऊदी अरब की महिलाएं भी बिना अनुमति के विदेश यात्रा कर सकती हैं और पुरुष अभिभावक (महरम) की जरूरत के बिना सीधे अपने पासपोर्ट, पहचान पत्र और सभी आधिकारिक रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकती हैं.



इन तस्वीरों के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जंग शुरू हो गई है. कुछ लोग इस फैसले को सही बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इस फैसले को गलत करार दे रहे हैं. गौरतलब है कि सऊदी अरब एक रूढ़िवादी मुस्लिम देश रहा है, जहाँ कुरआन और हदीस के मुताबिक शरिया कानून लागू है. इसका हवाला देकर वहां की सरकारें औरतों को बेहद सिमित अधिकार दे रही थी, लेकिन हाल के दिनों में औरतों के मामले में सरकार के उदारवादी रविय्ये नस सभी को चौंका दिया है!