Syria News: राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों ने बड़ा हमला किया है और सड़कों पर भीषण संघर्ष जारी है. स्थिति बेहद गंभीर है. विद्रोहियों ने दमिश्क की सिदानिया जेल पर धावा बोल दिया है, जहां बड़ी तादाद में बशर अल-असद के विरोधी बंद हैं. इतना ही नहीं विद्रोहियों ने सेना के टैंकों पर भी कब्जा कर लिया है. खबर आ रही है कि विद्रोही सेना के टैंक को प्रेसिडेंट हाउस की तरफ लेकर जा रहा है.


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विद्रोहियों के हमले के कई वीडियो सामने आ रहें हैं, जिसमें विद्रोहियों और सीरियाई सेनाओं के बीच भीषण संघर्ष जारी है.  इस बीच, सिरीयाई मीडिया ने दावा किया है कि बशर सरकार के एक विमान ने राजधानी से उड़ान भरी है. हालांकि, विमान पर कौन सवार है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. इसके बाद बशर असद के देश छोड़ने की अटकलें और तेज हो गई हैं.


विद्रोहियों ने दमिश्क को घेरा?


विद्रोहियों ने बड़े पैमाने पर हमले करते हुए सीरिया में सरकार के कंट्रोल वाले कई शहरों पर कब्जा कर लिया है. साथ ही विद्रोहियों ने उत्तरी और पूर्वी होम्स में गवर्नमेंट डिफेंस लाइंस को तोड़ते हुए दमिश्क को घेरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. स्थानीय मीडिया ने दावा किया है कि इस्लामिक संगठन के कमांडर हसन अब्देल गनी ने कहा कि उनकी सेनाएं राजधानी को चारों तरफ से घेरने के लिए आखिरी पड़ाव पर पहुंच गए हैं.


सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने किया ये दावा


हालांकि, सीरियाई रक्षा मंत्रालय और प्रेसिडेंट बशर अल- असद के दफ्तर ने इन दावों को ‘झूठा और अफवाह’ करार दिया है. उन्होंने स्थानीय मीडिया को बताया कि सरकारी फोर्स दमिश्क से पीछे नहीं हटी है और सेना अभी भी राजधानी की सुरक्षा में तैनात है.


डोनाल्ड ट्रंप ने कहा USA को इससे कोई मतलब नहीं


उधर, कल तक दमिश्क का समर्थन कर रहे ईरान ने सीरिया में अपने सभी सैन्य अभियानों को रोकने का फैसला किया है. साथ ही तुर्किए ने भी यही फैसला  किया है. वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया की मौजूदा स्थिति पर कहा है कि, "अमेरिका को इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए था और उसे सीरिया से दूर रहना चाहिए."


जब शेख हसीना को 15 साल की सत्ता से होना पड़ा बेदखल


बांग्लादेश रिजर्वेशन विरोधी की वजह से अवामी लीग की नेता को शेख हसीना को 15 साल की सत्ता से बेदखल होना पड़ा था. रिजर्वेशन को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से हिंसा में तब्दील हो चुका था. आखिरकार शेख हसीना को 5 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा.  


शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद भी प्रदर्शनकारियों का कई दिनों तक हिंसक प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर हथौड़े चलाए. कई मंत्रियों और सांसदों के घरों में तोड़फोड़ की. कई दिनों तक चले इस हिंसक प्रदर्शन में कई पुलिसकर्मी समेत सैकड़ों लोगों की मौत हो गई.


शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कुछ दिनों तक सेना ने बांग्लादेश पर शासन किया. इसके बाद सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने नोबेल पुरुस्कार विजेता मुहम्मद युनूस की अगुआई में अंतरिम सरकार के गठन ऐलान किया.