Iran Israel War: ट्रंप क्यों बोले ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला करे इजराइल?
Iran Israel War: ईरान और इजराइल के बीच तनाव लगातार बना हुआ है और इस बीच डोनाल्ड ट्रंप का बयान आया है. उनका कहना है कि इजराइल को ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला करना चाहिए.
Iran Israel War: ईरान और इज़राइल के बीच अभी भी हालात नॉर्मल नहीं हुए हैं. ईरान के हमले के बाद इजराइल ने इसका बदला लेने की बात कही है. इस सब के बीच यूएस के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आय है. उन्होंने कहा है कि इजरायल को इस्लामिक रिपब्लिक के हालिया मिसाइल हमले के जवाब में ईरान के न्यूक्लियर स्टेशन्स को निशाना बनाना चाहिए.
बाइडेन के बयान के बाद टिप्पणी
डोनाल्ड ट्रंप की यह टिप्पणी राष्ट्रपति जो बिडेन के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मिडिल ईस्ट में "पूरी तरह से युद्ध" की संभावना नहीं है और इससे बचना चाहिए.
बाकी फिक्र बाद में, पहले हमला
ट्रंप ने कहा, "उन्होंने उनसे पूछा, आप ईरान के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आप ईरान पर हमला करेंगे? और उन्होंने कहा, 'जब तक वे परमाणु हथियार पर हमला नहीं करते.' यही वह चीज है जिस पर आप हमला करना चाहते हैं, है न?" उन्होंने कहा, "क्या आपको यही नहीं करना चाहिए? मेरा मतलब है, यह हमारे लिए सबसे बड़ा जोखिम है, परमाणु हथियार." 5 नवंबर के अमेरिकी चुनावों के लिए रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने कहा कि बाइडेन को इजरायल से ईरान के परमाणु जगहों पर हमला करने के लिए कहना चाहिए था और "बाकी सब चीजों की चिंता बाद में करनी चाहिए".
बाइडेन ने जंग को लेकर क्या कहा था
78 साल के डोनाल्ड ट्रंप की यह टिप्पणी राष्ट्रपति जो बाइडेन के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि मध्य पूर्व में "पूरी तरह से युद्ध" की संभावना नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि लेबनान और ईरान के जरिए इजरायल को घेरने की कोशिश की वजह से मिडिल ईस्ट में बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ने को लेकर वह कितने आश्वस्त हैं, तो बाइडेन ने कहा, "आपको कितना भरोसा है कि बारिश नहीं होगी? देखिए, मुझे नहीं लगता कि पूरी तरह से युद्ध होने वाला है. मुझे लगता है कि हम इसे टाल सकते हैं."
ईरान ने बताया था हमले को जायज़
इसके साथ ही बाइडेन ने कहा कि वह इजराइल की मदद करते आए हैं और आगे भी करेंगे. उल्लेखनीय है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने पांच सालों में अपने पहले शुक्रवार के उपदेश में इजरायल पर ईरान के हमले को "कानूनी और वैध" बताया था और इसे "इजरायल के अपराधों" के लिए कम से कम सजा बताया था.
खामेनेई ने कहा था,"इज़राइल हत्या, विनाश, बमबारी और नागरिकों की हत्या के माध्यम से जीतने का दिखावा करता है. इस व्यवहार ने प्रतिरोध की प्रेरणा को बढ़ा दिया है. यह सच्चाई हमें दिखाती है कि इज़राइल के खिलाफ किसी भी ग्रुप के जरिए किया गया हर हमला इलाके और पूरी मानवता के लिए एक सेवा है."