Turkey Syria Diplomatic Relations: तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने सीरिया के नए प्रशासन के प्रमुख और HTS लीडर अहमद अल-शरा से मुलाकात की है, जिसमें उन्होंने बशर अल-असद शासन के पतन के बाद राजनीतिक परिवर्तन और युद्धग्रस्त देश के रिकंस्ट्रक्शन में मदद का वादा किया है. यह मुलाकात 22 दिसंबर को सीरिया की राजधानी दमिश्क में हुई थी. जहां, तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने युद्ध से तबाह हो चुके सीरिया के खिलाफ सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की गुजारिश की. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने एकता और स्थिरता पर जोर दिया.


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सीरिया के साथ खड़ा है तुर्की
विदेश मंत्री की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दो दिन पहले तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने ऐलान किया था कि फिदान सीरिया में नए ढांचे पर चर्चा के लिए दमिश्क जाएंगे. सीरिया दौरे पर गए फिदान ने कहा कि तुर्की, सीरिया साथ खड़ा रहेगा. उम्मीद है कि सीरिया के सबसे काले दिन पीछे छूट गए हैं और बेहतर दिन हमारा इंतजार कर रहे हैं."


फिदान ने आगे कहा कि दमिश्क पर लगे प्रतिबंधों को जितनी जल्दी हो सके हटाया जाना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सीरिया को फिर से खड़ा करने और विस्थापित लोगों को वापस लाने में मदद करने के लिए जुटना चाहिए."


हयात तहरीर अल-शाम ने की ये गुजारिश
वहीं, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) समूह के चीफ ने कहा, "सभी आर्थिक प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए, अब शिकारी चले गए हैं और सिर्फ पीड़ित बचे हैं. अन्याय और उत्पीड़न के करने वाले भाग गए हैं. अब इन प्रतिबंधों को हटाने का वक्त आ गया है. यह शासन 50 से ज्यादा सालों से शासन कर रहा है और इनमें से कुछ प्रतिबंध 1970 के दशक में लगाए गए थे. इसलिए कार्रवाई तेज होनी चाहिए, हमें अपने देश को आगे ले जाने के लिए इन प्रतिबंधों को जल्दी से जल्दी हटाना चाहिए.”


इजरायल की बढ़ी बेचैनी
इसके साथ ही दोनों नेताओं ने देश के अल्पसंख्यकों की रक्षा करने वाले नए सीरियाई संविधान का मसौदा तैयार करने की आवश्यकता पर चर्चा की. सीरियाई शरणार्थियों का मुद्दा, सीरियाई संप्रभुता के इजरायल द्वारा “उल्लंघन” और कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (YPG) का मुद्दा भी एजेंडे में था. यानी सीरिया में एचटीएस और तुर्की की वापसी से सबसे ज्यादा खतरा इजरायल को है. क्योंकि इजरायल लगातार सीरिया में तबाही मचा रहा है और इजरायल का कट्टर दुश्मन तुर्की भी अब सीरिया के साथ खड़ा हो गया है. 


इजरायल के लिए नहीं है अच्छे संकेत
दरअसल, इजरायल को डर है कि तुर्की के सीरिया में पैर जमाने के बाद वह अपने प्रॉक्सी संगठनों से इजरायल पर हमला करवा सकता है. इस समय इजरायल की सेना सीरिया के गोलान हाइट्स पर कब्जा जमाए हुए है और इजरायल लगातार सीरिया पर बमबारी कर रहा है और सभी सैन्य ठिकानों को नष्ट कर रहा है. इजरायल को डर है कि इन सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल इजरायल को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है. ऐसे में सीरिया और तुर्की के बीच अच्छे संबंध आने वाले दिनों में अच्छे संकेत नहीं हैं.