Israel on Syria: सीरिया में विरोधी गुट के कब्जे के बाद वहां के राष्ट्रपति असद रूस रवाना हो गए. इसके बाद अब इजराइल इस नई सत्ता से घबराया हुआ दिख रहा है. इसको लेकर नेतन्याहू ने एक बयान भी जारी किया है. माना जा रहा है कि इजराइल इस वजह से खौफज़दा है कि क्योंकि उसे लगता है कि इस नई सत्ता के बाद ईरान सीरिया में पने पैर जा लेगा और यह इजराइल के लिए अच्छा नहीं होगा.


इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने क्या कहा?


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नेतन्याहू ने एक वीडियो जारी किया,"हमारा सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि, हम अपनी सुरक्षा के लिए जो जरूरी है, वह करने का इरादा रखते हैं. इसलिए, मैं सीरियाई सेना के जरिए छोड़ी गई सामरिक सैन्य क्षमताओं पर एयर फोर्स के जरिए बमबारी को मंजूरी देता हूं. ताकि वे जिहादियों के हाथों में न पड़ें."


ब्रिटिश एयरफोर्स का दिया उदाहरण


नेतन्याहू ने आगे कहा कि यह वैसा ही है जैसा ब्रिटिश एयरफोर्स ने किया था. जब उसने विची शासन के बेड़े पर बमबारी की थी, जो नाज़ियों के साथ सहयोग कर रहा था, ताकि वह नाज़ियों के हाथों में न पड़े. हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी साफ किया वह अगर नया शासन ईरान से हाथ नहीं मिलाता है तो वह उनके साथ अच्छे रिश्ते रखेंगे.


ईरान के साथ मिलाया हाथ तो होगी दिक्कत


नेतन्याहू ने आगे कहा,""हम सीरिया में नई सरकार के साथ संबंध रखना चाहते हैं, लेकिन अगर यह सरकार ईरान को सीरिया में फिर से स्थापित होने देती है, या ईरानी हथियारों या किसी भी तरह के हथियारों को हिजबुल्लाह को देती है या हम पर हमला करती है, तो हम जोरदार तरीके से जवाब देंगे और इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. जो पिछली सरकार के साथ हुआ, वही इस सरकार के साथ भी होगा."


पतन से खतरे और मौके दोनों ही मिलते हैं


रविवार को सीरियाई विद्रोहियों ने दमिश्क में एंट्री की और राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए. जिससे देश में उनका दो दशक से अधिक समय का शासन खत्म हो गया. नेतन्याहू ने आगे यह भी माना कि पतन से जहां बड़े अवसर मिलते हैं, वहीं इससे बड़े खतरे भी पैदा होते हैं. उन्होंने इजरायल की सीमाओं से परे सभी लोगों के लिए 'शांति का हाथ' बढ़ाया ताकि वे इजरायल के साथ शांति से रह सकें.


नेतन्याहू ने कहा,"यह मध्य पूर्व के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. असद शासन का पतन, दमिश्क में अत्याचार, एक बड़ा मौका देता है, लेकिन साथ ही यह महत्वपूर्ण खतरों से भी भरा हुआ है. हम सीरिया में हमारी सीमा से परे सभी लोगों के लिए शांति का हाथ बढ़ाते हैं: ड्रूज़, कुर्द, ईसाई और उन मुसलमानों के लिए जो इजरायल के साथ शांति से रहना चाहते हैं."