Independence Day: भारत हर साल 15 अगस्त को आजादी का दिन मनाता है. 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ था. भारत के इतिहास में यह सबसे अहम दिन है. भारत कई सालों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा. ऐसे में भारत को आजादी हासिल करने में तकरबीन 200 साल लग गए. इसी तरह से भारत के इतिहास में सबसे खराब दिन उस दिन को माना जाता है, जिस दिन पाकिस्तान भारत से अलग हुआ था. जी हां पाकिस्तान कभी भारत का हिस्सा हुआ करता था.


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पाकिस्तान 14 अगस्त को मनाता है यौम-ए-आजादी


यह जानना दिलचस्प है कि भारत और पाकिस्तान को एक ही दिन आजादी मिली थी. लेकिन पाकिस्तान एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को अपना आजादी का दिन मनाता है. क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है? अगर नहीं तो आइए आपको बताते हैं इसके पीछे का पूरा इतिहास.


14 अगस्त को मिली मंजूरी


भारत से अलग हुए पाकिस्तान के 14 अगस्त को यौम-ए-अजादी मनाने के पीछे कई तर्क दिए जाते हैं. सबसे पहला तर्क तो यही कि पाकिस्तान को 14 अगस्त को अलग राष्ट्र के तौर पर मंजूरी मिल गई थी. इस दिन ब्रिटिश लॉर्ड माउंटबेटन ने पाकिस्तान को आजाद देश का दर्ज दिया था और उसे हुकूमत सौंप दी थी.


आधा घंटा पहले मिली आजादी


इसके उलट कुछ लोग वक्त को पाकिस्तान के एक दिन पहले आजादी का दिन मनाने की वजह बताते हैं. लोगों का कहना है कि भारत को 15 अगस्त 1947 को रात 00:00 बजे आजादी मिली थी. लेकिन पाकिस्तान का वक्त भारत के वक्त से 30 मिनट आगे है. इसलिए वहां के हिसाब से 14 अगस्त रात 11.30 बजे पाकिस्तान को आजादी मिली थी. इसलिए पाकिस्तान में 14 अगस्त को यौम-ए-आजादी मनाई जाती है.


14 अगस्त को उतरा कुरान


इसके साथ ही रमज़ान के महीने में पड़ने वाली रात शब-ए-कद्र को भी पाकिस्तान के 14 अगस्त को आजादी मनाने की वजह बताया जाता है. दरअसल 14 अगस्त, 1947 को रमज़ान का 27वां दिन था. इसे इस्लामिक कैलेंडर और इस्लाम में बहुत ही अहम दिन माना जाता है. मान्यता है कि इसी रात को इस्लाम मजहब की सबसे पाक किताब क़ुरान पूरी तरह से जमीन पर उतरा था. अरबी कैलेंडर के हिसाब से इस दिन 14 अगस्त था. इसलिए भी पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना यौम-ए-आजादी मनाता है.