Pharma Company License: भारत सरकार ने आज यानी 28 मार्च को तकरीबन 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. सरकार की तरफ से कहा गया है कि इन दवा कंपनियों को मैन्यूफैक्चरिंग बंद करने को कहा गया है. यह आदेश नकली और खराब गुणवत्ता वाली दवा बनाने के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद आया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कई दवा कपपनियों का निरीक्षण किया था. 


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20 राज्यों में हुई कार्रवाई


शिकायतें मिल रही थीं कि नकली दवाओं का कारोबार पूरे देश में बढ़ रहा था. इसके खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार की टीमों ने कार्रवाई की. उन्होंने 20 राज्यों का अचानक दौरा किया और ये बड़ी कार्रवाई की. दोनों टीमें तकरीबन 15 दिनों से कंपनियों के खिलाफ अभियान चला रही हैं. 


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अमेरिका से वापस मंगवाई गई दवा


बताया जाता है कि उत्तराखंड की 45, हिमाचल प्रदेश में 70 और मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर कार्रवाई की गई है. कई देशों से खबरें आई हैं कि भारतीय दवा से मौतें हुई हैं इसके बाद इन कंपनियों पर कार्रवाई हुई है. कई बार भारतीय दवा इस हद तक खतरनाक हो गईं कि इन्हें विदेश से वापस मंगाना पड़ा. पिछले साल जायडस लाइफसाअंसेज ने अमेरिका से अपनी दवा की 55,000 से ज्यादा बोतलें वापस मंगवाई थीं. यह दवा गाउट के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती थी.


गिरफ्तारी भी हुई


ख्याल रहे कि भारतीय दवा पीने से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में नोएडा में एक फार्मास्युटिकल फर्म के तीन मुलाजिमों को गिरफ्तार किया गया था. इल्जाम था कि वह मिलावटी दवा बना रहे थे. 


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