250 साल पुरानी मस्जिद पर चला बुलडोजर, अतिक्रमण हटाने के नाम पर तोड़ा गया हिस्सा
Bulldozers action on Mosque: दिल्ली के बंगाली मार्केट में मौजूद 250 साल पुरानी मस्जिद के कुछ हिस्से को बुलडोजर से ढहा दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि मस्जिद के हिस्से को नहीं गिराया गया है बल्कि अतिक्रमण किए गए हिस्से को गिराया गया है.
Bulldozers action on Mosque: दिल्ली की कई इलाकों में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का सहारा लिया जा रहा है. दिल्ली के बंगाली मार्केट में भी अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया. बंगाली मार्केट में अतिक्रमण हटाते हुए यहां मौजूद 250 साल पुरानी मस्जिद के कुछ हिस्सों को भी गिरा दिया गया. मस्जिद के कमरों और दिवारों में बुलडोजर चला दिया गया, ये तमाम कार्रवाई लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस की तरफ से की गई है. मस्जिद के पास बनी चार दिवारी को पूरी तरह से ढहा दिया गया है. इस मौके पर बड़ी तादाद में सिक्योरिटी फोर्स मौजूद रही.
मस्जिद मैनेजमेंट का दावा है कि कार्रवाई करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. मस्जिद के साथ चल रहे मदरसे के महासचिव मतलूब करीम हाफिज ने कहा है कि "बिना किसी जानकारी और नोटिस बुलडोजर की कार्रवाई की गई है. मुझे सुबह-सुबह मस्जिद से फोन आया कि भारी पुलिस बल और नगर निगम के अधिकारी परिसर के एक हिस्से को गिराने के लिए साइट पर पहुंच रहे हैं. वे बुलडोजर के साथ आए और मुख्य हॉल और कमरों की दीवारों को ध्वस्त कर दिया."
वहीं दूसरी तरफ मस्जिद मैनेजमेंट का कहना है कि "कुछ वक्त पहले ही उन हिस्सों को पक्का कराया गया था जिसपर आज बुलडोजर चढ़ा है."
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इस मामले में एल एंड डीओ के एक अधिकारी ने कहा कि "यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति को मिली शिकायतों के आधार पर की गई है. केवल मस्जिद के बगल की भूमि पर अवैध विस्तार वाले हिस्से को छुआ गया था. एल एंड डीओ के पास अपनी भूमि की सुरक्षा और फिर से दावा करने का अधिरकार है. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के एक अधिकारी ने कहा कि एनडीएमसी एल एंड डीओ के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई."
मस्जिद इंतेजामिया का कहना है कि यह मस्जित 250 साल पुरानी है. मदरसे में 120 बच्चे पढ़ते हैं और रहते हैं. उन्होंने बताया कि "बंचित बच्चों को यहां खाना दिया जाता है और कई स्थायी रूप से यहां रहते हैं. अब जब उनके कमरे तोड़ दिए गए हैं, तो वे कहां जाएंगे"
एल एंड डीओ अधिकारी के मुताबिक "लगभग 40 साल पहले कोयला डिपो के लिए जमीन लीज पर दी थी, लेकिन मूल आवंटी ने आइसक्रीम पार्लर बनाया. चूंकि यह पट्टे का उल्लंघन था, इसलिए पार्लर को सील कर दिया गया था. फिर मस्जिद का धीरे-धीरे विस्तार किया गया. विस्तार लगभग आठ साल पुराना था."
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