नई दिल्ली: अगर हम आपसे सावल करें कि एक दिन कितने घंटे का होता है तो आपका जवाब यक़ीनन यही होगा कि 24 घंटे का होता है. जिसमें दिन के बाद रात और रात के बाद दिन इन्हीं 24 घंटे में रोटेट होता रहता है. लेकिन ये जानकर आपको बहुत हैरानी होगी कि दुनिया में ऐसी भी जगह मौजूद है जहां 6 महीने दिन रहता है और 6 महीने रात रहती है. हम आपसे कोई मज़ाक़ नहीं कर रहे हैं. और ना ही किसी दूसरे ग्रह के बारे में आपको बता रहे हैं. यहां हम आपको अपनी इसी ख़ूबसूरत पृथ्वी पर मौजूद जगह की बात बता रहे हैं. जो हमारे और आपके 24 घंटे वाले दिन और रात से बिलकुल मुख़्तलिफ है. हमारी तरह आपके मन मे भी ये ख़्याल ज़रूर आया होगा कि अगर 6 महीने दिन रहता है और 6 महीने रात तो ऐसे में वहां के लोग कब सोते होंगे और कब उठते होंगे? अपने दिनचर्या को कैसे मैनेज करते होंगे? आइए हम आपको इनके बारे में बताते हैं.


अंटार्कटिका


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वैसे तो पूरी दुनिया में चार मौसम होते हैं और हर रोज़ सूरज निकलता है रात होती है फिर दिन होता है. इन्ही चार मौसमों और दिन-रात के मुताबिक सभी का जीवन घूमता रहता है. लेकिन अंटार्कटिका एक ऐसी जगह है जहां सिर्फ 2 ही मौसम होते हैं. सर्दी और गर्मी. इसके साथ ही यहां पर 24 घंटे में दिन और रात में कोई तब्दीली नहीं आती है. बल्कि यहां पर साल के 6 महीने अंधेरे में डूबे रहते हैं, और बाकी 6 महीने उजाला यानी दिन रहता है. अंटार्कटिका में सर्दियों के मौसम में अंधेरा रहता है और पूरी गर्मियों में उजाला रहता है. जैसा की आप सब जानते ही होंगे कि पृथ्वी अपनी धुरी पर टेढ़ी होकर घूमती है. यही वजह है कि अंटार्कटिका में आधे साल अंधेरा और आधे साल उजाला रहता है. जबकि पृथ्वि के बाक़ी हिस्सों में ऐसा नहीं होता है.


अंटार्कटिका में ऐसे सरवाइव करते हैं लोग


जब अंटार्कटिका में सूर्यास्त हो जाता है उसके बाद वहां न कोई जा सकता है और ना ही वहां से कोई बाहर आ सकता है. इस पूरे वक़्त में वहां रहने वाले लोगों को और कॉन्कॉर्डिया रिसर्च स्टेशन के वैज्ञानिकों को उनके पास मौजूद खाने-पीने के सामान से ही काम चलाना पड़ता है. क्योंकि यहां बहुत ही मुश्किल हालात होते हैं. सर्दियां बढ़ने की वजह से वहां का टेम्परेचर -80 डिग्री तक चला जाता है. इतनी ज़्यादा सर्दी की वजह से वहां के लोगों के दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. जिसे क्रॉनिक हाइपरोपिया कहा जाता है. लेकिन ये वक़्त वहां रहने वाले वैज्ञानिकों के लिए बहुत अहम होता है. क्योंकि इसी वक़्त में सबसे ज़्यादा रिसर्च होता है. इन 6 महीनों से वैज्ञानिक वहां अलग-अलग खोज करते हैं..


इसके अलावा भी दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां कई-कई दिनों तक सूरज नहीं निकलता, या कई दिनों तक सूरज डूबता ही नहीं है, तो कहीं सिर्फ 40 मिनट की ही रात होती है.


नार्वे


नार्वे एक बहुत ही ख़ूबसूरत देश है जो चारों तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ है. नार्वे की ख़ूबसूरती के साथ-साथ यहां की 40 मिनट वाली रात लोगों को और ज़्यादा आकर्षित करती है. अगर हम अपनी बात करें तो हमें 10 घंटे की रात भी छोटी लगती है कि अभी तो सोए थे इतनी जल्दी सुबह हो गई. लेकन आगर वही रात सिर्फ 40 मिनट की रह जाए तब आबको कैसा लगेगा. नार्वे पृथ्वी की ऐसी जगह है जहां 12 बजकर 43 मिनट पर सूरज डूबता है और सिर्फ 40 मिनट के बाद वापस निकल जाता है. और ऐसा एक दो दिन नहीं होता बल्की साल के पूरे 76 दिन होता है. नार्वे में मई से लेकर जुलाई तक रात नहीं होती है. इसलिए नार्वे को 'लैंड ऑफ द मिड नाइट सन' भी कहा जाता है.


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आइसलैण्ड


यूरोप का सबसे बड़ा आइलैंड आइसलैंड में मौजूद है. जहां मुसलसल सूरज अपनी रोशनी बिखेरता रहता है. इस आइलैंड पर मई से लेकर जुलाई के आख़िर तक रात नहीं होती है.


अलास्का


अलास्का का नाम तो सबने सुना होगा. अलास्का अपने ख़ूबसूरत ग्लेशियर की वजह से बहुत फेमस है. यहां मई से लेकर जुलाई तक रात नहीं होती है. इस पूरे वक़्त में आप यहां चमचमाता हुआ सूरज देख सकते हैं.


कनाडा


कनाडा उत्तरी अमेरिका में मौजूद एक देश है. यहां के उत्तर और पश्चिम के हिस्से में गर्मी के मौसम में 50 दिनों तक मुसलसल रात नहीं होती है. इस पूरे वक़्त आप यहां सूरज को अपनी किरणें बिखेरते हुए देख सकते हैं.


फिनलैंड


फिनलैंड को दुनिया का सबसे ख़ुश देश भी कहा जाता है. संयुक्त राष्ट्र के हैप्पी इंडेक्स में फिनलैंड पहले पायदान पर है. फिनलैंड को एक लम्बे अरसे तक लैंड ऑफ सॉरो कहा जाता था. यहां भी तकरीबन ढाई महीने तक रात नहीं होती है. जिसकी वज़ह से यहां गर्मी बहुत पड़ती है.


ये दुनिया और इसकी क़ुदरत ऐसे ही कई ख़ूबसूरत अजूबों से भरी पड़ी है. जिसके बारे में जितना पता चलता है उतनी ही हैरानी बढ़ती जाती है. लेकिन हम और आप चाहें कितनी ही कोशिश कर लें पर कभी भी इसे पूरी तरह नहीं जान सकते. इसलिए क़ुदरत की ख़ूबसूरती को महसूस करे बिना इसे नुक़सान पहुंचाए.


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