Temple in Sambhal: उत्तर प्रदेश के जिला संभल में मंदिर मस्जिद का मुद्दा गर्माया हुआ है. यहां प्रशासन ने 46 साल बाद एक शिव मंदिर को फिर से खुलवाने का दावा किया है. यह मंदिर मुस्लिम बाहुल इलाके में मौजूद है. सोमवार को यहां पहली बार पूजा अर्चना हुई. इस दौरान काफी भीड़ देखने को मिली. प्रशासन का कहना है कि मंदिर के पास गैर कानून इमारतों को तोड़ा जाएगा. गैर कानूनी कब्जे की पहचान की गई है.


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शफीकुर्रहमान के घर के पास मंदिर
ये मंदिर संभल के खग्गू सराय इलाके में मौजूद है. यह मंदिर सपा सांसद जिउर्रहमान बर्क के घर से 200 मीटर की दूरी पर मौजूद है. यह मंदिर मुस्लिम बाहुल इलाके में मौजूद है. मंदिर खुलने के बाद लोगों का यहां आना जाना शुरू हो गया है. सोमवार को लोगों ने शिवलिंग के दर्शन किए. 


हटेगा गैर कानूनी कब्जा
प्रशासन ने बताया है कि मंदिर के पीछे किए गए कब्जे को हटाया जाएगा. एसपी ने पुलिस के साथ गैर कानूनी इमारतों की पहचान की है. अफसरों ने इमारतों की जानकारी मांगी है. लोगों का कहना है कि वह मंदिर से गैर कानूनी कब्जा हटाने में सहयोग करेंगे. उन्होंने बताया कि उन्होंने मंदिर का काफी ख्याल रखा है.


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पुलिस का बयान
आज तक ने एएसपी के हवाले से लिखा है कि "मकान मालिक ने खुद ही अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा है. मकान की नपाई की जा रही है. इसके बाद गैर कानूनी कब्जे पर कार्रवाई की जाएगी." गैर कानूनी कब्जे के तौर पर जिस मकान की पहचान हुई है उसके मकान मालिक मतीन का कहना है कि "हमारा जो मकान आगे निकला हुआ है, उसे हम खुद ही पीछे हटाएंगे."


संभल हिंसा 
आपको बता दें कि पिछले महीने संभल में अदालत के आदेश पर सर्वे टीम ने शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी. लेकिन यहां भीड़ और पुलिस में मुठभेड़ हो गई थी. इसके बाद संभल में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा में 20 पुलिसवाले जख्मी हो गए थे. मामले में 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का इल्जाम है कि भीड़ ने लोगों पर गोली चलाई, जबकि विपक्षी नेताओं का इल्जाम है कि पुलिस ने गैर कानूनी हथियारों से गोली चलाई इसलिए 5 लोगों की मौत हुई.