नई दिल्ली: अफगानिस्तान के दारुल हुकूमत काबुल में बिगड़ते हालात के बीच भारतीय वायुसेना के फौजी जहज़ के जरिए शनिवार को काबुल से करीब 85 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सरकार अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों को देखते हुए लगातार भारतीयों की वापसी के काम में लगी हुई है. सूत्रों ने बताया कि विमान ईंधन भरवाने के लिए ताजिकिस्तान के दुशांबे में बहिफ़ाज़त उतरा. 


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जराए के मुताबिक, भारतीयों को काबुल से निकालने के बाद यह विमान ताजिकिस्तान के दुशांबे में उतरा. उड़ान के शाम तक दिल्ली के निकट हिंडन वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचने की उम्मीद है. तालिबान के रविवार को काबुल पर कब्जा जमाने के बाद भारत पहले ही अफगान दारुल हुकूमत से भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायुसेना के दो सी-19 परिवहन विमानों के जरिये वहां से निकाल चुका है.



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सोमवार को 40 से ज्यादा भारतीयों को लेकर पहली उड़ान भारत पहुंची थी. भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों व वहां फंसे कुछ भारतीयों समेत करीब 150 लोगों के साथ दूसरा सी-17 विमान मंगलवार को भारत पहुंचा था.


अमेरिकी सैनिकों की वापसी के पशमंज़र में तालिबान ने अफगानिस्तान में तेजी से अपने पांव पसारते हुए राजधानी काबुल समेत वहां के ज्यादा इलाकों पर कब्जा जमा लिया है. अमेरिका की मदद से फंसे हुए करीब 200 भारतीयों को निकालने के मिशन को अंजाम दिया गया.


इन लोगों की वापसी के बाद वज़ारते खारजा ने कहा था कि अब ध्यान अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर होगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हुकूमत के लिए पहली तरजीह अफगानिस्तान में फिलहाल रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में ठीक जानकारी हासिल करना है.


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एक अंदाज़े के मुताबिक अफगानिस्तान में करीब 400 भारतीय फंसे हो सकते हैं और भारत उन्हें वहां से निकालने के तरीके देख रहा है, जिनमें अमेरिका और अन्य मित्र राष्ट्रों के साथ कॉर्डिनेशन भी शामिल है.


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