नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद ओवैसी और खड़गे के कड़े बोल, सरकार को लिया आड़े हाथों
Opposition on New Criminal Laws: तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है और आरोप लगाया कि सांसदों को सस्पेंड करके जबरन कानून पारित किया जा रहा है.
Opposition on New Criminal Laws: देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है और आरोप लगाया कि सांसदों को सस्पेंड करके जबरन कानून पारित किया जा रहा है. इसके साथ ही दावा किया कि कानून के ज्यादातर हिस्से "कट, कॉपी और पेस्ट का काम" हैं. दरअसल, पिछले दिसंबर में संसद में पारित भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है, जिनका दावा है कि इन्हें बिना चर्चा और बहस के संसद में पारित किया गया है.
नहीं चलेगा 'बुलडोजर न्याय'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "चुनावों में राजनीतिक और नैतिक झटके के बाद पीएम मोदी और भाजपा संविधान का सम्मान करने का दिखावा कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून जो आज से लागू हो रहे हैं, उन्हें 146 सांसदों को सस्पेंड करके जबरन पारित किया गया." उन्होंने कहा, "भारत अब संसदीय प्रणाली पर इस 'बुलडोजर न्याय' को चलने नहीं देगा."
खड़गे संसद के शीतकालीन सत्र का जिक्र कर रहे थे, जिसमें दोनों सदनों में विपक्ष के लगभग दो-तिहाई सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया था. संसद की सुरक्षा में सेंध के खिलाफ विपक्ष के विरोध के बीच सामूहिक निलंबन हुआ.
ओवैसी ने पोस्ट किया अपना पुराना वीडियो
AIMIM के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपना एक पुराना वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "तीन नए आपराधिक कानून आज से लागू हो जाएंगे. इनके क्रियान्वयन में बड़ी समस्याओं के बावजूद सरकार ने इनके समाधान के लिए कुछ नहीं किया है. ये वे मुद्दे थे जिन्हें मैंने इनके लागू होने का विरोध करने के लिए उठाया था."
कांग्रेस नेता ने क्या कहा?
वहीं, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने इल्जाम लगाया कि 90-99 फीसद नए कानून "कट, कॉपी और पेस्ट जॉब" हैं और सरकार मौजूदा कानूनों में कुछ संशोधन करके भी यही नतीजे मिल सकते हैं. नए कानूनों में कुछ सुधार हैं और हमने उनका स्वागत किया है. उन्हें संशोधन के रूप में पेश किया जा सकता था. दूसरी तरफ कई प्रतिगामी प्रावधान हैं. कुछ बदलाव पहली नजर में असंवैधानिक हैं."
सागरिका घोष ने क्या कहा?
इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने भी नए कानूनों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे "अस्पष्ट शब्दों में लिखे गए हैं" और "सरकार के लिए नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता को छीनने की बहुत गुंजाइश है."