नई दिल्ली/पटना/तिरुवनंतपुरमः केंद्र सरकार ने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार को अग्निवीरों के लिए नौकरी में कई रियायतें और प्रोत्साहनों की घोषणा की. दूसरी तरफ विपक्षी दलों द्वारा इस योजना को वापस की भी मांग की गई. वहीं, आंदोलन के चौथे दिन भी बिहार, उत्तर प्रदेश सहित कई दक्षिण भारतीय राज्यों में भी विरोध-प्रदर्शन हुए. शनिवार को उत्तर प्रदेश में में एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन में आगजनी की गई, एक एंबुलेंस को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया. पथराव में कई जगहों पर पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है. पंजाब में लुधियाना रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की गई तो वहीं पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में भी सड़क और रेल यातायात ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के चलते बाधित हुआ. इस दौरान पथराव के साथ गोलीबारी की भी खबर है. इस बीच अलग-अलग राज्यों से एक हजार से ज्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिसा गया है. 



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शनिवार को 369 ट्रेनें प्रभावित हुई 
अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के हिंसक विरोध के कारण देशभर में शनिवार को 369 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इसमें 210 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन और 159 लोकल पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं. इसमें दो ट्रेनों को आशिंक रूप से रद्द किया गया है, जिसके बाद रद्द होने वाली कुल ट्रेनों की संख्या 371 हो गई है. साथ ही बिहार में रेलवे ने सुबह 4 बजे से रात 8 बजे तक कोई ट्रेन न चलाने का बड़ा ऐलान किया है. 


बिहार में नेताओं को वीआईपी सुरक्षा 
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से पैदा खतरे के मद्देनजर बिहार में भाजपा के 10 विधायकों को सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है. जिन भाजपा विधायकों को यह वाई श्रेणी सुरक्षा प्रदान की गयी है, उनमें बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और पश्चिम चंपारण के सांसद संजय जायसवाल, बिस्फी के विधायक हरिभूषण ठाकुर, दरभंगा के विधायक संजय सरावगी और अन्य नेता शामिल हैं. उनमें कुछ विधानपरिषद सदस्य भी हैं.



आंदोलन को दिया समर्थन 
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद, प्रदेश में सत्ता में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर), कांग्रेस, वामदल, आम आदमी पार्टी और विकासशील इंसान पार्टी सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने बिहार बंद को अपना नैतिक समर्थन दिया है. द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने की मांग की है. 



‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगीः राहुल 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को ‘दिशाहीन’ करार देते हुए युवाओं से उनकी मांगों के लिए संघर्ष का शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीका अपनाने की अपील की. पार्टी नेता राहुल गांधी ने कहा कि आठ वर्षों से भाजपा सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का लगातार अपमान किया है. मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे. ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा.” 


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सरकार खुले मन से विचार करने के लिए तैयारः अनुराग 
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल, जो किसी भी बदलाव को रोकने के एजेंडे के तहत हर मौके की तलाश में रहते हैं, उन्होंने युवाओं को “उकसाया” है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार का दृष्टिकोण है कि वह युवाओं और देश के हित में किसी भी बदलाव पर विचार करने के लिए तैयार है. सरकार खुले मन से विचार करने के लिए सदैव तैयार है.’’ 

आम सहमति के आधार पर निर्णय लिया गयाः रक्षा मंत्री 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस योजना को पूर्व सैनिकों के साथ लगभग दो साल तक विचार-विमर्श करने के बाद लागू किया गया है और इस संबंध में आम सहमति के आधार पर निर्णय लिया गया है.


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