Urs of Shah Jahan: ताजमहल में मुग़ल बादशाह शाहजहां के तीन रोज़ा 368वें उर्स का रविवार को समापन हो गया. इस दौरान हज़ारों की तादाद में पर्यटक आगरा पहुंचे. उर्स के पहले दिन ग़ुस्ल की रस्म अदा की गई जबकि दूसरे दिन संदल और तीसरे दिन चादरपोशी की रस्म अदा की गई. इस रस्म में तैख़ाने में मौजूद मुमताज़ और शाहजहां की असल क़ब्रों को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया. मुमताज और शाहजहां की असली क़ब्र देखने के लिए टूरिस्ट घंटों तक लाइन में लगकर इंतजार कर रहे. 17 फरवरी से 19 फरवरी तक चलने वाले इस उर्स में लाखों लोगों ने शिरकत की.


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1 हज़ार 780 मीटर लंबी चादर पेश की गई 
उर्स के तीसरे और आख़िरी दिन ताजमहल में शाहजहां की क़ब्र पर 1 हज़ार 780 मीटर लम्बी अक़ीदत की चादर पेश की गई. इस चादर को हज़ारों लोगो ने हाथो में लेकर शाहजहां की क़ब्र पर चढ़ाया. चादर चढ़ाने वालो में सभी धर्मो के लोग शामिल रहे. सतरंगी अक़ीदत की इस चादर को लेकर ज़ायरीन ने ताजमहल के दक्षिणी दरवाज़े से एंट्री की. हज़ारों हाथ इस चादर को ताजमहल के अन्दर शाहजहां की क़ब्र तक लेकर गए. क़ब्र पर पहुंच कर चादर पोसी की गई. चादर पोशी के बाद देश में अमन और चैन के लिए दुआएं मांगी गईं.


धूम-धाम से मनाया गया उर्स
शाहजहां की क़ब्र पर पेश की जाने वाली ये सतरंगी चादर सभी धर्म के लोगों की तरफ़ से दी गई और इसे ख़ुद्दाम-ए-रोज़ा कमेटी ने तैयार कराया है. शाहजहां की क़ब्र पर चादर पोसी के दौरान ताजमहल के मुख्य द्वार पर शहनाई की धुन और नगाड़ा की थाप बजती रही. चादर विदेशी सैलानियों के लिए आश्चर्य का विषय बनी रही. ग़ौरतलब है कि हर साल ताजमहल में शाहजहां का उर्स बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है. तीन दिन तक चलने वाले उर्स में तीसरे दिन देशी- विदेशी पर्यटकों की एंट्री फ्री रही. मुग़ल बादशाह शाहजहां का 368 वां तीन रोज़ा उर्स रविवार को चादर पोशी के साथ संपन्न हो गया. उर्स के मद्देनज़र हिफाज़त के पुख़्ता इंतेज़ाम किए गए थे. 


 Report: Syed Shakil Ahmed


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