Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार का आज आखिरी दिन है. महाराष्ट्र के चुनावी अखाड़े में जीत हासिल करने के लिए तमाम पार्टियां अपनी सियासी रणनीति को मजबूत करने में जुटी हुई हैं. इसबार महाराष्ट्र में सीधी टक्कर सत्तारूढ़ 'महायुती' और विपक्षी गठबंधन 'महाविकास अघाड़ी' के बीच होती हुई दिख रही है. वहीं, हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ( Asaduddin Owaisi ) ने भी 16 सीटों पर अपने उम्मीदवारों उतार दिए हैं. इससे पहले भी AIMIM ने दो बार महाराष्ट्र चुनाव में किस्मत आजमाई थी, जिसमें उन्हें दो-दो सीटों पर कामयाबी भी मिली थी.


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लेकिन, इसबार के चुनाव में एमआईएम अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराने के लिए नई रणनीति के साथ मैदान मे उतरी है. यही वजह है कि इस बार चुनाव प्रचार की कमान असदुद्दीन ओवैसी के साथ-साथ उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ( Akbaruddin Owaisi ) ने भी संभाल ली है. 


ओवैसी ने अपने दमदार चुनाव प्रचार से महाविकास अघाड़ी के लिए मुश्किलें तो खड़ी की ही हैं, बल्कि महायुति गठबंधन के भी सहयगी दलों की नींद हराम कर दी है. खासतौर पर एनसीपी अजित पवार गुट की. ओवैसी की पार्टी इस चुनाव में  किसके लिए परेशानी खड़ा करती है, ये 23 नवंबर को ही चल पाएगा. यहां यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि ओवैसी को 16 सीटों में से कितने सीटों पर उन्हें सफलता मिलती है. उन्होंने मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए आज इमोशनल कार्ड भी खेल दिया है. 


NDA से लेकर 'INDIA' तक की कोशिश है मुसलमानों की क़यादत को कमजोर करना: ओवैसी
ओवैसी ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए महायुती और एमवीए गठबंधन पर निशाना साधा. AIMIM नेता ने इस दौरान कहा कि चुनाव के नतीजे जो भी हों, ये चुनाव याद रखेगा जाएगा कि एक छोटी सी पार्टी को कमजोर करने के लिए NDA से लेकर 'INDIA' गठबंधन तक हर किसी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. इन सबकी बस एक ही कोशिश हमेशा से थी, चाहे कुछ भी हो, मुसलमान अपनी क़यादत को मज़बूत न कर पाए.


सांसद ओवैसी ने कहा कि इस मुश्किल दौर में मुसलमानों को एकजुट करने के लिए अपनी पूरी मेहनत लगाई. उन्होंने कहा कि वो इस कोशिश में पूरी तरह से कामयाब भी हुए, लेकिन कुछ अपने ही लोग भगवा धारी ताकतों के साथ हो गए. जिस क़यादत के दरख़्त को ओवैसी ने खुद अपने खून-पसीने से सींचा, कुछ लोग उसी दरख़्त को गिराने में लग गए. इनकी पूरी कोशिश यही रही कि मुसलमान इस मुल्क में अपनी क़यादत न खड़ी कर पाए, ताकि मुसलमान हमेशा कमजोर रहें.


ये सियासी आवाज़ दबाने की कोशिश है: ओवैसी
लोकसभा सदस्य ने आगे कहा कि मुसलमानों को ये फैसला करना है कि हमें किसके साथ जाना है. क्या हम उन ताकतों के साथ खड़े रहेंगे जो हमारे घरों को जमींदोज़ करने पर चुप रहते हैं? या फिर उन लोगों के साथ जो हमारे मुद्दों पर आवाज़ उठाते हैं. उन्होंने कहा, "हमारे प्यारे नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के लिए खड़े रहते हैं? क्या हम उन लोगों को भूल सकते हैं जिन्होंने नामूस-ए-रिसालत पर लबैक कहकर हमारे साथ खड़ा होने का हौंसला दिखाया?" याद रखिए मुसलमानों, ये सियासी आवाज़ दबाने की कोशिश हो रही है, जो हमारी क़यादत की आवाज़ को बुलंद रखे हैं, वही इस लड़ाई में हमारे साथी हैं."


अब हमें ये तय करना है कि हम अपने वोट से इस क़यादत के दरख़्त को मज़बूत करेंगे या उसे गिरने देंगे. जितना चाहें, इस दरख़्त को सींच सकते हैं और इसे और भी ताकतवर बना सकते हैं, लेकिन याद रखिए, मौका फिर 5 साल बाद ही मिलेगा। अब वक्त है मुसलमानों, अपनी क़यादत को मज़बूत करने का. हमारा वोट, हमारी ताक़त – हमारे फैसले."


23 को आएंगे नतीजे
बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए एक ही चरण में 20 नवंबर को वोटिंग होगी. वहीं, नतीजे  23 अक्टूबर आएंगे. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म होगा. इस चुनाव में 'महायुति'गठबंधन जिसमें बीजेपी, एनसीपी (अजित पवीर गुट) और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) का सामना महाविकास अघाड़ी के तीन प्रमुख दल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद चंद्र पवार गुट) से है.