लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में असुदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली आल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के ज्यादातर उम्मीदवार पांच हजार वोटों के आंकड़े को पार नहीं कर पाए हैं और राज्य के वोटर्स ने उन्हें बुरी तरह नकार दिया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 विधानसभा सीटों में ज्यादातर पर एआईएमआईएम को आधा फीसदी से भी कम मत मिलता हुआ नजर आ रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एआईएमआईएम ने उप्र विधानसभा चुनाव में सौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने का दावा किया था. ओवैसी ने अपने उम्मीदवार उन्हीं सीटों पर उतारे थे जो मुस्लिम बाहुल्य थी लेकिन प्रदेश के मुसलमानों समेत अन्य वोटर्स ने उन्हें बुरी तरह से नकार दिया. पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इनमें से 37 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.


यूपी तो जीत गए लेकिन इस जिले में बेअसर रहा भाजपा के 'चाणक्य' और 'बाबा' का जादू


अपने बयानों और दावों से राज्य की राजनीति में तहलका मचाने वाले असदुद्दीन ओवैसी, हाई-ऑक्टेन 'बुलडोजर' अभियान के दौरान अल्पसंख्यकों को अपने पक्ष में ध्रुवीकरण करने का मौका मिलने के बावजूद 'एक मक्खी भी हिलाने' में नाकाम रहे हैं.


2017 में, एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में 38 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे लेकिन एक को भी कामयाबी नहीं मिली थी. यहां तक कि 38 में से 37 सीटों पर उतारे उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी. हालांकि उसे लगभग 2 लाख वोट मिले थे. इस बार AIMIM को 22.3 लाख वोट मिले हैं और उसके वोट शेयर में मामूली इज़ाफा हुआ है.


UP Election 2022: उठक-बैठक लगाने और तेल-मालिश करने वाले BJP MLA का क्या बना? जानिए यहां


एआईएमआईएम आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट जीतने के लिए आश्वस्त थी, जहां उसने बसपा के पूर्व नेता गुड्ड जमाली को मैदान में उतारा था. गुड्डू काफी देर तक मुकाबले में बने रहे लेकिन आखिर में उन्हें भी हार की हा सामना करना पड़ा. इस सीट पर बुनकरों, प्रवासी मजदूरों और इस्लाम के अलग-अलग स्कूलों के लोगों के समुदायों की एक बड़ी आबादी है.


ZEE SALAAM LIVE TV