राजस्थान में सियासी हलचल जारी; कांग्रेस इंचार्ज ओहदे से अजय माकन ने दिया इस्तीफ़ा
Ajay Maken: कांग्रेस पार्टी में सियासी हंगामा लंबे समय से जारी है . राजस्थान कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी अजय माकन ने कांग्रेस सद्र मल्लिकार्जुन खड़गे को ख़त लिख कर राजस्थान इंचार्ज ओहदे से अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है.
Ajay Maken Resigns: कांग्रेस पार्टी में सियासी हंगामा लंबे समय से जारी है. ख़ास तौर पर राजस्थान में एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ गई है. राजस्थान कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी अजय माकन ने कांग्रेस सद्र मल्लिकार्जुन खड़गे को ख़त लिख कर राजस्थान इंचार्ज ओहदे से अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है. अजय माकन ने खड़गे को ख़त में लिखा कि वह आगे इस ज़िम्मेदारी को निभाना नहीं चाहते हैं. उन्होंने आगे लिखा कि राजस्थान के लिए एक नया इंचार्ज होना कांग्रेस पार्टी के लिए बेहतर होगा. कांग्रेस चीफ़ को लिखे अपने ख़त में उन्होंने कहा कि मालूम हो भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में आ रही है, ऐसे में कांग्रेस का नया इंचार्ज होना चाहिए, जो अभी कांग्रेस के लिए सही होगा.
माकन ने सियासी हालात को बताया वजह
अजय माकन ने मल्लिकार्जुन खड़गे को यह ख़त 8 नवंबर को लिखा है, जिसमें उन्होंने 25 सितंबर के सियासी हालात को इसकी वजह बताया था. माकन ने ख़त में लिखा है कि जिन्होंने 25 सितंबर को बग़ावत और कार्रवाई की, जिससे मौजूदा कांग्रेस सद्र और निवर्तमान प्रभारी महासचिव को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. अब उन लोगों को भारत जोड़ो यात्रा का इंचार्ज बनाया गया है. माकन ने कांग्रेस के साथ अपने फैमिली रिश्तों का हवाला देते हुए ख़ुद को राहुल गांधी का सिपाही बताया है. दरअसल, अजय माकन ने कहा है कि वह 25 सितंबर की लेजिस्लेटिव पार्टी के वाक़्य से दुखी हैं और वह इस माहौल में वहां काम नहीं कर सकते. माकन के इस इस्तीफे के पीछे कांग्रेस सद्र ओहदे के चुनाव के दौरान जयपुर में सीएम अशोक गहलोत ग्रुप के विधायकों के बग़ावती तेवर बताए.
गहलोत ग्रुप के MLAs ने लगाए इल्ज़ाम
बता दें कि पिछले दिनों अजय माकन पर गहलोत के एमएलएज़ ने कई इल्ज़ाम लगाए थे. मिनिस्टर शांति धारीवाल ने कहा था कि राजस्थान में जो भी कुछ हुआ उसमें अजय माकन का एक बड़ा रोल था. वज़ीर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि माकन हमारे परिवार के मुखिया हैं माकन सरकार के ख़िलाफ़ बग़ावत कर चुके लीडर को सत्ता देने के लिए पक्षपात कर रहे थे. हमारी आवाज़ को सुनना, समझना और उसे आलाकमान तक पहुंचाना माकन की ज़िम्मेदारी थी.
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