Beawar News: राजस्थान के अजमेर जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी ने स्कूल में नमाज पढ़ने वाली एक शिक्षिका को सस्पेंड कर दिया है. दरअसल, जिले के ब्यावरखास स्थित गवर्नमेंट हाईयर सेकेंड्री स्कूल में पिछले दिनों दो शिक्षिकाओं ने कैंपस के अंदर ही नमाज अदा की थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ विरोध करते हुए स्कूल में ताला बंदी कर दी थी. विवाद को देखते हुए आज शिक्षा विभाग ने एक शिक्षिका को निलबिंत कर दिया है, जबकि दूसरी टीचर के निलंबन के लिए आला अधिकारियों से सिफारिश की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

निलंबित शिक्षिका आसमा परवीन का निलबंन जवाजा सीबीईओ आफिस भेज दिया गया है.वहीं, द्वितीय श्रेणी अध्यापिका शगुफ्फता के निलंबन के लिए लेटर लिखा गया है. उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर पिछले दिनों ब्यावरखास के लोकल लोगों ने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर आंदोलन करते हुए स्कूल में तालाबंदी की थी. ग्रामीणों ने इसको लेकर शिक्षा मंत्री राजस्थान को भी लिखित शिकायत की थी.


शिक्षिकाओं पर क्या है आरोप?
ग्रामीणों का आरोप था कि स्कूल में उर्दू पढ़ाने वाली दोनों शिक्षिकाएं असमा परवीन और शगुफ्ता स्कूल के ही वक्त कैंपस में नमाज अदा करती थी और इस नमाज पढ़ने के लिए स्कूल की बच्चियों को भी प्रेरित करती थी. ग्रामीणों के विरोध और शिकायतों के आधार पर डीईओ ब्यावर अजय कुमार गुप्ता ने अतीतमंड स्कूल की प्रिंसिपल विमला चौहान और गणेशपुरा स्कूल के हेड मास्टर सुनील व्यास की अगुआई में कमेटी बनाकर जांच करवाई.


जांच में हुई पुष्टि
जांच के दौरान कमेटी के मेंबरों ने जनप्रतिनिधियों, अन्य शिक्षकों और स्कूल के बच्चों के बयान दर्ज किए, जिसमें पुष्टि हुई कि दोनों शिक्षिकाएं स्कूल कैंपस में क्लास के वक्त ही नमाज पढ़ती थीं.  इसके अलावा स्टूडेंट्स को नमाज पढऩे के लिए उकसाती थीं. जिस पर टिचर असमा परवीन को दोषी मानते हुए सस्पेंड किया गया है.


चीफ एजुकेशन ऑफिसर अजय कुमार गुप्ता ने क्या बताया? 
वहीं, दूसरी शिक्षिका शगुफ्ता पर कार्रवाई करने के लिए संयुक्त निदेशक अजमेर को भेजा गया है.चीफ एजुकेशन ऑफिसर अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि इस विवाद को लेकर कमेटी द्वारा जांच करवाई गई थी. जांच में ग्रामीणों के आरोपों की पुष्टि होने के बाद तृतीय श्रेणी की शिक्षिका आसमा परवीन को निलंबित दिया गया, है जबकि द्वितीय श्रेणी की शिक्षिका शगुफता की निलंबन कार्रवाई के लिए आला अधिकारियों को लिखा गया है."