AIMPLB: लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग ख़त्म; UCC समेत इन मुद्दों पर हुई चर्चा
AIMPLB Meeting: लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम मीटिंग हुई. यह मीटिंग बोर्ड के सद्र मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अगुवाई में हुई है. बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई.
AIMPLB Meeting: देश में समान नागरिक संहिता को लेकर लंबे समय से बयान देने का सिलसिला जारी है तो वहीं दूसरी ओर कई लोग इसकी मांग भी कर रहे हैं. इस बीच समान नागरिक संहिता को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की लखनऊ में अहम मीटिंग हुई. मीटिंग में समान नागरिक संहिता, हिजाब, ज्ञानवापी, वक़्फ़ संपत्ति की हिफाज़त समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई. इस दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड पर AIMPLB के जनरल सेक्रेटरी मौलाना ख़ालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा ने अपना रद्दे अमल ज़ाहिर किया.
इन मुद्दों पर चर्चा
बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा हर तबक़े को अपनी-अपनी पहचान के साथ इस मुल्क में ज़िंदा रहने की इजाज़त देनी चाहिए. वहीं असम में हो रही गिरफ्तारियों के बारे में उन्होंने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला न जाए,असम सरकार को ऐसा क़दम उठाने से बचना चाहिए. वहीं बोर्ड के मेंबर मौलाना ख़ालिद राशिद फिरंगी महली ने कहा कि इस समुदाय के सामने अहम मुद्दों में धर्म परिवर्तन, ज्ञानवापी और इस तरह के कई मामलों पर बात रखी गई है. बता दें कि AIMPLB में 51 कार्यकारी सदस्य हैं जिसमें AIMIM चीफ़ असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं.यह मीटिंग ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सद्र मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अगुवाई में हुई है.
बोर्ड महिलाओं के हक़ के लिए काम करता है: मौलाना ख़ालिद सैफुल्लाह
मौलाना ने कहा कि , प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट की बोर्ड पैरवी कर रहा है. क़ानून ख़त्म होने पर देश में अफ़रा-तफ़री का माहौल पैदी होगा. यह मामला सिर्फ मुसलमानों तक सीमित नहीं है. 1991 में यह क़ानून बहुत सोच समझकर बना था. मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड महिलाओं के हक़ के लिए काम करता है. उनको को संपत्ति में अधिकार देना चाहिए. मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड हमेशा ही महिलाओं के हक़ को लेकर संजीदा रहा है. बोर्ड के महासचिव ने कहा, हिन्दुस्तान में अलग-अलग धर्मों के मानने वाले रहते हैं. हमको एहतेजाज दर्ज कराने का हक़ है. अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो क़ानूनी दायरे में रहते हुए एहतेजाज किया जाएगा.
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