ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उलेमाओं से की अपील; टीवी बहसों में ना लें हिस्सा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उलेमाओं और बुद्धिजीवियों से आग्रह किया है कि वह टीवी डिबेट में हिस्सा ना लें. बोर्ड की तरफ से एक पत्र भी जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि उन टीवी डिबेट्स में हिस्सा ना लें जिनका उद्देश्य इस्लाम का मजाक उड़ाना है.
नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उलेमाओं और बुद्धिजीवियों से आग्रह किया है कि वह टीवी डिबेट में हिस्सा ना लें. बोर्ड की तरफ से एक पत्र भी जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि उन टीवी डिबेट्स में हिस्सा ना लें जिनका उद्देश्य इस्लाम का मजाक उड़ाना है. टीवी डिबेट्स में हिस्सा लेकर वह इस्लाम और मुसलमानों की कोई सेवा नहीं कर पाते बल्कि उपहास ही करते हैं.
बोर्ड ने कहा इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश
बोर्ड ने अपने लेटर में लिखा है कि ऐसे कार्यकर्मों का मकसद किसी निष्कर्ष पर पहुंचना नहीं होता है, बल्कि इनका मकसद इस्लाम और मुसलमानों का मजाक उड़ाना और बदानाम करना होता है. यह चैनल खुद को निष्पक्ष दिखाने के लिए मुस्लिम चेहरों को डिबेट में लेते हैं और हमारे उलेमा और बुद्धिजीवी इस षडयंत्र का शिकार हो जाते हैं. अगर हम इन कार्यक्रमों और चैनलों का बहिष्कार करते हैं तो ना सिर्फ इनकी टीआरपी कम होगी बल्कि ये अपने उद्देश्य में बुरी तरह विफल हो जाएंगे.
नुपूर शर्मा के बयान को लेकर चल रहा है विवाद
आपको बता दें बोर्ड का यह अपील ऐसे वक्त में आई है जब नुपूर शर्मा का मामला तूल पकड़े हुए है. दरअसल नुपूर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद को लेकर एक बयान दिया था. जो काफी विवादों में बना हुआ है. नुपूर ने अपने इस बयान को लेकर कहा था कि मैं काफी वक्त से टीवी डिबेट में हिस्सा ले रही थी. जहां महादेव की बेज्जती की जा रही थी. उसमें कहा जा रहा था कि यह शिवलिंग वहीं नही बल्कि एक फाउंटेन है. नुपुर शर्मा इस टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उन्होंने यह बयान दे दिया.
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