Allahabad High Court Justice Shamim Ahmad: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा है कि केंद्र को गौहत्या पर पाबंदी लगाने और इसे 'संरक्षित राष्ट्रीय जानवर' घोषित करने के लिए कदम उठाना चाहिए. न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने कहा, "हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं और सभी धर्मों के लिए सम्मान होना चाहिए. आदेश को पारित करते हुए जज ने कहा कि गाय विभिन्न देवताओं के साथ भी जुड़ी हुई है. विशेष रूप से भगवान शिव, भगवान इंद्र और भगवान कृष्ण का गाय के साथ गहरा नाता है. 


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जज ने आगे कहा कि एक गाय के पैर चार वेदों का प्रतीक हैं और उसका दूध चार 'पुरुषार्थ' (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) का प्रतीक है. इसके अलावा गाय के सींग देवताओं का प्रतीक हैं. उसके चेहरा सूर्य-चंद्रमा  और उसके कंधे अग्नि का प्रतीक हैं.  जस्टिस अहमद ने कहा कि गाय को नंदा, सुनंदा, सुरभि, सुशीला और सुमना रूपों में भी वर्णित किया गया है. उन्होंने कहा कि गाय की वंदना की उत्पत्ति को वैदिक काल तक देखा जा सकता है.


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अदालत बाराबंकी के देवा थाना इलाके के रहने वाले मोहम्मद अब्दुल खलीक पर आरोप गौ हत्या से जुड़ा एक मामला था. इस मामले में मोहम्मद अब्दुल खलीक ने कहा था कि पुलिस ने उनपर बिना किसी सबूत के केस दर्ज किया और अदालत में उनके खिलाफ लंबित कार्यवाही को खत्म करने का हुक्म जारी करे. हालांकि अदालत ने खलीक की याचिका को खारिज कर दिया. जज ने कहा कि जो कोई गायों का कत्ल करता है वो उतने ही दिनों तक नरक में सड़ता है जितने गाये के शरीर पर बाल थे. 


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