Aman Sehrawat Profile: अमन सेहरावत ने शुक्रवार को पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत को छठा पदक दिलाया, जबकि यह कुश्ती में भारत पहला पदक है. वह पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले भारत के इकलौते पुरूष पहलवान थे. विनेश फोगाट के डिस्क्वालिफाइ होने के बाद कुश्ती में अमन से ही देश को आखिरी उम्मीद थी और उन्होंने निराश नहीं किया.  खास बात यह है कि भारत ने 2008 के बाद से हर ओलंपिक में कुश्ती में पदक जीता है. इस सिलसिला अमन ने पेरिस में भी बरकरार रखा.


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पहलवान अमन सहरावत के 57 किलोग्राम वर्ग में शुक्रवार को चैंप डी एरिना में प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज़ को हराकर कांस्य पदक जीता. लेकिन पेरिस ओलिंपक खेलों में 21 साल के सबसे कम उम्र के पुरुष पहलवान अमन गुरुवार को शीर्ष वरीयता प्राप्त पहलवान जापान के री हिगुची के खिलाफ अपना सेमीफाइनल मुकाबला हार गए. जिसके चलते उन्हें कांस्य पदक से संतुष्ट होना पड़ा. अमन का पेरिस ओलंपिक तक सफर कैसा रहा आइए जानते हैं.... 


11 साल  की उम्र में अमन के सिर से उठा माता-पिता का साया


अमन ने यह पदक अपने पिता और मां को समर्पित किया है. जब सहरावत 11 साल के थे तब उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया.  लेकिन उनके चाचा ने सहरावत के सिर पर हाथ रखा और उन्हें देश के मशहूर छत्रसाल स्टेडियम पहलवानी की ट्रेनिंग करने के लिए भेज दिया.  उन्होंने भारत के सबसे बड़े पहलवानों के स्कूल में ट्रेनिंग लेकर कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया.


छत्रसाल स्टेडियम ने भारत को दिए कई स्टार पहलवान


दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान सुशील कुमार,  2012 में लंदन में हुए ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त, टोक्यो 2020 के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया, टोक्यो 2020 के रजत पदक विजेता रवि दहिया ने भी इसी छत्रसाल स्टेडियम से ट्रेनिंग ली थी. 


अमन ने रजत पदक विजेता रवि दहिया को हराकर ओलंपिक में बनाई जगह  


अमन पेरिस ओलंपिक में परचम लहराने से पहले दो बार के राष्ट्रीय चैंपियन रह चुके हैं. वह  U23 कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले पहले भारतीय पहलवान भी हैं. पेरिस ओलंपिक तक पहुंचना अमन के लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने रजत पदक विजेता दहिया को हराकर ओलंपिक क्वालीफायर में जगह बनाई और उन्होंने वहां जीत हासिल कर पेरिस का टिकट हासिल किया और देश को छठा पदक लिया. सिर्फ 21 साल के सहरावत का अभी चरम पर आना अभी बाकी है. फैंस यकीनन उनसे 2028 में लॉस एंजिल्स ओलंपिक में पदक का रंग बेहतर करने की उम्मीद कर सकते हैं.


भारत के कांस्य पदक विजेता अमन सहरावत कौन हैं? ( Who is Aman Sehrawat )


अमन ने U23 कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर काफी सुर्खियां बटोरी थीं. इसके बाद से वो पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने देश और देश के बाहर कई पदक जीते. अमन की सफलता का श्रेय दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार से मिली प्रेरणा को दिया जाता है. 


हरियाणा के झज्जर के रहने वाले अमन की उपलब्धियों में विभिन्न चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक शामिल हैं, जो कुश्ती में उनके शानदार करियर को दर्शाता है. आइए देखते हैं अमन की उपलब्धियां......


अमन का अब तक का पहलवानी का सफर :- 
1. 19वें एशियाई खेल (2023) - कांस्य
2. 2023 सीनियर एशियाई चैंपियनशिप - स्वर्ण
3. 2022 U23 विश्व चैम्पियनशिप - स्वर्ण
4. 2022 U23 एशियाई चैम्पियनशिप - स्वर्ण
5. 2022 U20 एशियाई चैम्पियनशिप - कांस्य
6. 2024 रैंकिंग सीरीज़, ज़ाग्रेब ओपन - गोल्ड
7. 2024 रैंकिंग सीरीज़, पॉलीक इमरे और वर्गो जानोस मेमोरियल - सिल्वर
8. 2023 रैंकिंग सीरीज़, ज़ाग्रेब ओपन - कांस्य
9. 2022 रैंकिंग सीरीज़, ज़ौहेयर सघेयर - सिल्वर
10.2022 रैंकिंग सीरीज़, यासर डोगू - कांस्य
11. 2022 रैंकिंग सीरीज़, डैन कोलोव और निकोला पेट्रोव - सिल्वर


बताते चलें कि सहरावत 2022 में भारत के पहले U23 चैंपियन बने और अब ओलंपिक पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय पहलवान भी हैं.