Amjad Islam Amjad Shayari: अमजद इस्लाम अमजद पाकिस्तान के मशहूर शायर हैं. वह 4 अगस्त 1944 को लाहौर में पैदा हुए थे. उन्होंने 1967 में पंजाब यूनिवर्सिटी से उर्दू में एमए किया. इसके बाद अध्यापन करने लगे. उन्हें ना सिर्फ पाकिस्तान बल्कि बाहरी देशों में सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने नेकिप फाजिल इंटरनेशनल कल्चर एंड आर्ट अवार्ड से सम्मानित किया है.


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तुम्ही ने कौन सी अच्छाई की है
चलो माना कि मैं अच्छा नहीं था


उस ने आहिस्ता से जब पुकारा मुझे
झुक के तकने लगा हर सितारा मुझे


उस ने आहिस्ता से जब पुकारा मुझे
झुक के तकने लगा हर सितारा मुझे


हर बात जानते हुए दिल मानता न था
हम जाने ए'तिबार के किस मरहले में थे


हर बात जानते हुए दिल मानता न था
हम जाने ए'तिबार के किस मरहले में थे


फिर आज कैसे कटेगी पहाड़ जैसी रात
गुज़र गया है यही बात सोचते हुए दिन


हमें हमारी अनाएँ तबाह कर देंगी 
मुकालमे का अगर सिलसिला नहीं करते 


जहाँ हो प्यार ग़लत-फ़हमियाँ भी होती हैं 
सो बात बात पे यूँ दिल बुरा नहीं करते 


सवाल ये है कि आपस में हम मिलें कैसे 
हमेशा साथ तो चलते हैं दो किनारे भी 


चेहरे पे मिरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन 
क्या रोज़ गरजते हो बरस जाओ किसी दिन 


किस क़दर यादें उभर आई हैं तेरे नाम से 
एक पत्थर फेंकने से पड़ गए कितने भँवर 


सुना है कानों के कच्चे हो तुम बहुत सो हम 
तुम्हारे शहर में सब से बना के रखते हैं