तेलंगाना में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहा है. वैसे-वैसे सियासी सरगर्मियां भी तेज़ हो रही है. राजनैतिक पार्टियां एक दूसरे के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में तेलंगाना के पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश की सत्तारुढ़ पार्टी भी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सियासी ज़मीन तलाश रही है. मंगलवार को YSRTP की नेता, वाई.एस. शर्मिला ने समर्थकों के साथ विरोध मार्च निकाला और बेगमपेट में मुख्यमंत्री आवास की तरफ रवाना हुईं.  जैसे ही विरोध मार्च यशोदा अस्पताल के पास पहुंचा, तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया. और फिर YSRTP कार्यकर्ताओं ने सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी की. जैसे ही उन्होंने मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. जिसके बाद पुलिस ने शर्मिला को इस आधार पर गिरफ्तार कर लिया कि, इलाके में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए उनकी सलाह के बावजूद भी वह पैदल मार्च जारी रखे हुए थीं.


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गंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया: शर्मिला
दरअसल आंध्र प्रदेश के सीएम वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी की बहन और YSRTP की नेता, वाई.एस. शर्मिला तेलंगाना में प्रजा प्रस्थानम यात्रा निकाल रही है. आरोप है कि तेलंगाना सरकार के खिलाफ निकाले जा रही इसी यात्रा पर सोमवार को टीआरएस के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर पथराव कर दिया था. जिससे वहां अफरातफरी मच गई. 
इल्ज़ाम है कि, शर्मिला की यात्रा बस और बाक़ी गाड़ियों पर यात्रा के दौरान वारंगल ज़िले के नरसमपेट में हमला किया गया.  YSRTP ने इल्ज़ाम लगाया कि, टीआरएस के लोगों ने पदयात्रा पर अंधाधुंध हमला किया और बस में आग लगा दी. शर्मिला का आरोप है कि इस दौरान गंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया और पार्टी के बैनर झंडे फाड़ दिए. 


गाड़ी समेत क्रेन से उठाकर हिरासत में लिया
लिहाज़ा मंगलवार को इसी हमले के विरोध में जब शर्मिला खुद कार चलाकर प्रगति भवन की ओर बढ़ रही थीं. तभी पुलिस ने उनको गाड़ी समेत क्रेन से उठाकर हिरासत में लिया. क्योंकि शर्मिला ने कार से उतरने से इंकार कर दिया था. शर्मिला को गिरफ्तार कर एस.आर. नगर थाने ले जाया गया. उनके खिलाफ पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), धारा 333 (स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए गंभीर चोट पहुंचाना) और धारा 327 (संपत्ति जबरन वसूली करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना, या किसी अवैध कार्य के लिए विवश करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. 


पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया
इस बीच, शर्मिला की मां वाई.एस. विजयम्मा जब एस.आर. नगर थाना पुलिस स्टेशन में अपनी बेटी से  मिलने जा रही थी. तो  पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया था. पुलिस ने विजयम्मा को जुबली हिल्स स्थित उनके आवास से बाहर नहीं निकलने दिया. विजयम्मा ने अपने समर्थकों के साथ निवास पर विरोध शुरू कर दिया और अपनी बेटी के साथ हुए पुलिस के रवैये की निंदा की. वाई.एस. विजयम्मा ने इल्ज़ाम लगाया कि राज्य सरकार लोकतांत्रिक अधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है.


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