Arjun Ram Meghwal: गुरुवार को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में बड़ा फेर बदल देखने को मिला है. अब तक कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी अदा कर रहे है किरन रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सौंपा गया है, वहीं कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी अर्जुन राम मेघवाल को दी गई है. किरन रिजिजू ने जुलाई 2021 में कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी. रिजिजू से पहले भाजपा के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद के पास कानून मंत्रालय था. 


कौन हैं नए कानून मंत्री मेघवाल?


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नए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान से आते हैं. वह भारतीय जनता पार्टी के बड़े उन बड़े नेताओं में शुमार किए जाते हैं जो दलित समाज से आते हैं. अर्जुन मेघवाल को उनकी सादगी के लिए भी जाना जाता है. कई बार देखा गया है कि वो अपनी साइकल से आना जाना करते हैं. इसके अलावा वो मेघवाल अपने बयानों की वजह से भी सुर्खियों में रहते हैं. 


राहुल गांधी को लेकर दिया था विवादत बयान:


मेघवाल जब साल 2018 में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री थे तो उस वक्त उन्होंने राहुल गांधी को लेकर भी बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि पुष्कर में पूजा के वक्त राहुल ने अपने नाना का गोत्र बताया, जबकि गोत्र दादा का चलता है. राहुल गांधी को अपने दादा का गोत्र बताने में क्या शर्म आती है?


भाजपा ने क्यों उठाया ये कदम?


अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी देने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान चुनाव को देखते हुए यह कदम उठाया है. दरअसल इसी साल के आखिर में राजस्थान विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में उससे ठीक पहले भाजपा के बड़े दलित चेहरे को कानून मंत्री बनाए जाने के पीछे राजस्थान के दलित वोटर्स को साधना हो सकता है. 


राजस्थान में दलित वोटर्स का समीकरण:


राजस्थान में तकरीबन 17 फीसद दलित आबादी है. साथ ही राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से 34 सीटें रिजर्व हैं. इन 34 सीटों में से 19 सीटों पर फिलहाल कांग्रेस पार्टी का कब्जा है. वहीं 12 सीटें भारतीय जनता पार्टी के पास, 2 सीटें आरएलपी और एक सीट पर आजाद विधायक है. 


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