Jammu and Kashmir News: जम्मू व कश्मीर के जिला अनंतनाग में भारतीय फौजियों ने अपने वीर सपूतों की शहादत का बदला आतंकवादियों से चुन-चुन कर लिया है. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी उजैर खान और उसके साथी को पीर पंजाल की पहाड़ी में ही मार गिराया गया. जहां वो पिछले सात दिनों से छिपे बैठे थे. अनंतनाग जिले के हलूरा गंडूल जंगल में सात दिन तक आतंकवादियों के साथ फौज की 7 दिन तक मुठभेड़ चली. अनंतनाग एनकाउंटर में जवानों की शहादत का बदला 7 दिन में पूरा हो गया है. एनकाउंटर का मास्टरमाइंड और लशकर-ए-तैयबा का आतंकवादी उजैर खान को सेना ने मार गिराया. उसके साथ एक और आतंकी मारा गया है.


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आतंकी के मारे जाने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने खुद बताया कि लश्कर कमांडर का शव मिल गया है, लेकिन तलाशी अभियान जारी है. 13 तारीख को भारतीय सेना के वीर सपतों पर धोखे से हमला कर उन्हें मारने वाले मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी उजैर खान को ढेर कर दिया गया.


आंतकी उजैर कोकरनाग के नागम गांव का रहने वाला था. 26 जुलाई 2022 से रिकॉर्ड में लापता था. उजैर गायब होकर लश्कर का आतंकी बन गया था. उजैर के ऊपर 10 लाख रुपये का इनाम था. पिछले सात दिनों से अनंतनाग में सेना की ओर से अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा था. भारतीय जवानों ने कसम खाई थी कि जब तक एक भी आतंकी जिंदा है वो पीर पंजाल के पहाड़ों की चुनौतियों के बीच किसी भी आतंकी को जिंदा नहीं छोड़ेंगे.


जहां पर आतंकियों को मार गिराया गया है, वहां भारी मात्रा में विस्फोटक होने की आशंका है, सेना की ओर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. दरअसल 13 सितंबर को कायर आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के 2 अफसर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी शहीद हो गए थे. उसके बाद से ही इन आतंकियों को मिटाने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा था. ये सभी आतंकी आतंकवादी वारदात को अंजाम देने के बाद घने जंगलों में 12 से 20 फीट गहरी गुफाओं में छिप गए थे. लेकिन ड्रोन की नज़र और लगातार रॉकेट लॉन्चर से निशाना बनाए जाने के बाद आतंकियों का अंत आखिरकार हो गया.