Arvind Kejriwal bail plea: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने सीबीआई के जरिए उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और नियमित जमानत की मांग की गई है.


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "जब आप हिरासत में होते हैं... अगर आप उन्हें दोबारा गिरफ्तार करते हैं, तो आपको अदालत की अनुमति की जरूरत होती है. दंड प्रक्रिया संहिता में कुछ नियम हैं." केजरीवाल की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस मामले में सुरक्षा उपाय होने चाहिए. उन्होंने कहा, "आप बिना किसी आधार के अचानक गिरफ्तारी के लिए नहीं आ सकते."


गुरुवार को सिंघवी ने दलील दी कि सीबीआई ने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को उस समय गिरफ्तार किया जब वह ईडी मामले में "रिहाई के कगार पर" थे. उन्होंने कहा कि सीबीआई का कदम उन्हें सलाखों के पीछे रखने के लिए "बीमा गिरफ्तारी" था.


21 मार्च से हैं जेल में बंद


दिल्ली के मुख्यमंत्री को पहली बार 21 मार्च को ईडी ने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. उन्हें 26 जून को भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत दे दी थी. लेकिन, सीबीआई के जरिए गिरफ्तारी की वजह से उन्हें तिहाड़ जेल में रहना पड़ा था.


उन्होंने यह भी बताया कि मामले के सभी सह-आरोपियों, आप नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर और बीआरएस नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. सीनियर वकील ने तर्क दिया कि केजरीवाल के भागने का खतरा नहीं है और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के जरिए दो बार "रिहाई के लिए उपयुक्त" पाया गया है, जिसमें लोकसभा चुनाव से पहले मई में अंतरिम जमानत और ईडी मामले में 12 जुलाई को दी गई जमानत का हवाला दिया गया था.


सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा,"एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के भागने का खतरा नहीं हो सकता...सीबीआई मामले में चार और ईडी मामले में नौ आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं. हजारों पन्नों के दस्तावेज हैं, इसलिए साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती."