Arvind Kejriwal in SC: प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के पीछे कोई 'दुर्भावनापूर्ण या बाहरी कारण' नहीं थे. आप प्रमुख की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर अपने जवाब में एजेंसी ने कहा कि आप प्रमुख का रवैया "नॉन कॉपरेटिव" था. प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के आचरण की वजह से उन्हें एजेंसी ने गिरफ्तार किया.


एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा?


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प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ईडी को कोट करते हुए लिखा,"दुर्भावना से संबंधित विवाद के संबंध में, यह प्रस्तुत किया गया है कि याचिकाकर्ता की दलीलें न केवल निराधार और गलत हैं, बल्कि यह अस्पष्ट सामान्य हैं और विशिष्ट नहीं हैं."


ईडी ने आगे कहा,"पूछताछ के दौरान तलाशी की तारीख पर भी, पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) की धारा 17 के तहत अपना बयान दर्ज करते समय, वह टाल-मटोल कर सवालों के जवाब देने से बच रहे थे और सामान्य गैर-सहयोगी मामलों में भी पूरी तरह से असहयोगी थे."


ईडी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए कहा कि एजेंसी की राय है कि आरोपी के हिरासत में रहने से बेहतर और अच्छी पूछताछ हो पाएगी. एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल पर कानून की घोर अवहेलना और असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया.


21 मार्च को हुए थे अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार
बता दें, अरविंद केजरीवाल के 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में हुई थी. 9 अप्रैल को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा और कहा कि ईडी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा बहुत कम विकल्प थे क्योंकि उन्होंने बार-बार समन जारी नहीं किया और जांच में शामिल होने से इनकार कर दिया.