उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक स्कूल में दूसरे बच्चों से एक मुस्लिम बच्चे के पिटवाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद सियासत शुरू हो गई है. अब इस पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है. असदु्द्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "मुजफ्फरनगर का वीडियो, जिसमें एक टीचर अपने छात्रों से एक मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कह रही है, वो पिछले 9 सालों का प्रोडक्ट है. छोटे बच्चों के दिमाग में ये पैगाम डाला जा रहा है कि कोई भी किसी मुस्लिम को बिना किसी नुकसान के, डर के पीट सकता है और बेइज्जत कर सकता है. पिता ने अपने बच्चे को स्कूल से निकाल लिया है और लिखित में कहा है कि वह मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहता, क्योंकि वो जानता है कि उसे न्याय नहीं मिलेगा और बजाय इसके माहौल खराब हो सकता है."


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क्या है पूरा मामला?


दरअसल, मुजफ्फरनगर के एक स्कूल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें टीचर के कहने पर दूसरे बच्चे एक मुस्लिम बच्चे को बारी-बारी पीट रहे हैं. जब मुस्लिम बच्चा रोने लगता है तो टीचर कहती हैं कि अब इसके मुंब पर नहीं कमर पर मारो. बताया जाता है कि टीचर ने बच्चे को इसलिए पिटवाया क्योंकि बच्चे को पहाड़ा नहीं याद था. मामला मुजफ्फरनगर के तहत पड़ने वाले मनसूरपुर पुलिस स्टेशन के खुब्बापुर गांव का है.


NCPCR पर बयानबाजी


ओवैसी ने कहा कि "जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा इस मामले में साफ है. मुजफ्फरनगर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए. नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट (NCPCR) और नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन (NHRC) को दीगर जगहों पर खुद संज्ञान लेने की जल्दबाजी रहती है, लेकिन यहां उन्होंने कुछ नहीं किया. NCPCR को इंसाफ दिलाने के बजाय वीडियो के वायरल होने की फिक्र है.


कांग्रेस की आई प्रतिक्रिया


इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया पर लिखा है कि "मासूम बच्चों के मन में इम्तियाजी सुलूक का ज़हर घोलना, स्कूल जैसी पाक जगह को नफ़रत का बाज़ार बनाना- एक टीचर देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता. ये BJP का फैलाया वही केरोसिन है, जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है."