Samabhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर अब राजनीति शुरू हो गई है. संभल हिंसा पर AIMIM के नेता असदुद्दीन उवैसी ने सोमवार को लोकसभा में स्थगन नोटिस दिया है. ओवैसी ने नोटिस में मांग की है कि "मैं सदन की कार्यवाही स्थगित करने के लिए एक प्रस्ताव लाने की इजाजत चाहता हूं, जिसका मकसद तत्काल महत्व के निश्चित मामले पर चर्चा करना है- उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को पुलिस की गोलीबारी में तीन युवकों की मौत हो गई." ओवैसी ने कहा है कि संसद का कार्य स्थगन किया और पहले संभल में हुई हिंसा पर बातचीत होनी चाहिए. 


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4 लोगों की मौत
आपको बता दें कि संभल हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई है. इस हिंसा में 20 पुलिस वालों की मौत हो गई है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लोगों के खिलाफ बल का इस्तेमाल किया. पुलिस ने 2 औरतों समेत 20 लोगों को हिरासत में लिया है. हिंसा के दौरान कई गाड़ियों में आग लगा दी गई है. संभल में शादी जामा मस्जिद का सर्वे करने आई टीम के साथ पुलिस वालों की भीड़ से मुठभेड़ हो गई.


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क्या है मामला?
आपको बता दें कि संभल मौजूद जामा मस्जिद पर हिंदू पक्ष ने दावा किया है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद मंदिर है. इस मामले पर अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया. सर्वे करने पहुंची टीम के साथ लोगों की मुठभेड़ हो गई. इल्जाम है कि पुलिसवालों पर भीड़ ने पत्थर फेंके. इसके बाद हिंसा शुरू हो गई. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया. 


सांसद का इल्जाम
पुलिस वालों का इल्जाम है कि भीड़ की तरफ से चलाई गई गोली में 4 लोगों की मौत हुई. जबकि समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की साजिश से दंगे भड़के. पुलिस की तरफ से चली गोली में आम लोगों की मौत हुई है. उनका कहना है कि जब सर्वे टीम मस्जिद का सर्वे करने जा रही थी तब वह 'जय श्रीराम' के नारे लगा रही थी.