Hijab Verdict: ओवैसी ने अदालत के फैसले को बताया गलत, कहा- कुरान के गलत ट्रांस्लेशन का हुआ इस्तेमाल
Owaisi on Hijab Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब पर अपना फैसला सुनाया है. हिजाब पर दो जजों का अलग-अलग फैसला है. अब इसे CJI के पास भेजा गया है. इस पर AIMIM ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
Owaisi on Hijab Verdict: कर्नाटक हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के एक जज का फैसला हिजाब के पक्ष में आया है तो दूसरे का इसके खिलाफ. लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला ठीक नहीं था.
ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "भाजपा ने गैर जरूरी तौर पर इसे मसला बनाया, इसे बैन कराया." उन्होंने आगे कहा कि "हाई कोर्ट का जजमेंट बैड था. कंटेट में भी वो खराब था. उन्होंने कुरान के गलत ट्रांस्लेशन का इस्तेमाल किया." ओवेसी ने कुरान की एक आयत का जिक्र करते हुए कहा कि "कुरान की एक आयत है 'ला इकराहा फिद्दीन' इसका मतलब था 'दीन में कोई जोर जबरदस्ती नहीं हैं.' वो आयत हिजाब के लिए इस्तेमाल नहीं हुई थी. वो रिलिजियन के एक्सेपटेंस में इस्तेमाल हुई थी. उसको हिजाब पे डाल दिया गया. वो गलत था."
सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला
ख्याल रहे कि हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. हिजाब मामले पर दोनों जजों की राय अलग है. हिजाब विवाद के मामले को चीफ जस्टिस के पास भेजा गया है. इस मामले में बड़ी बेंच के गठन का आहवान किया गया है. फिलहाल हिजाब पर पुराना फैसला जारी रहेगा. हिजाब मामले 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
अदालत में जज ने क्या कहा?
कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता ने अपना फैसला पढ़ा और कहा कि वो हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका को खारिज करते हैं. जस्टिस सुधांशू धूलिया ने इस मामले में पर अपनी अलग राय जाहिर की. उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया. उन्होंने सरकार की तरफ से जारी उस फैसले को भी खरिज कर दिया जिसमें शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि "कर्नाटक हाईकोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया और हिजाब पहनना अंतत: पसंद का मामला है, इससे कम या ज्यादा कुछ और नहीं."
अदालत ने सुरक्षित रखा था मामला
दरअसल कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने पर रोक लगाई गई थी. 10 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद, 22 सितंबर को जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की पीठ ने राज्य सरकार, शिक्षकों और याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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