Ashes Test Match: दूसरे एशेज टेस्ट के चौथे दिन जॉनी बेयरस्टो के विवादास्पद आउट देने के बाद चारों ओर चर्चा का विषय बना हुआ है. बेयरस्टो को ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने तब रन आउट किया जब उन्हें लगा कि ओवर समाप्त गई है. लेकिन वास्तव में ओवर समाप्त नहीं हुआ था. जैसे ही वह ओवर का अंत समझकर गेंद को जाने देने के बाद बेयरस्टो क्रीज के बाहर घूम रहे थे. सतर्क कैरी ने रन आउट करने के लिए गेंद को वापस स्टंप पर फेंक दिया. जिसके कारण बेयरस्टो को आउट करार दिया. इसके बाद 'खेल भावना' पर बहस छिड़ गई है. जिस तरह से उन्होंने विकेट लिया है इस पर कई लोगों ने ऑस्ट्रेलिया की रणनीति पर सवाल उठाया है.


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खेल में एक निर्णायक मोड़ था. क्योंकि बेन स्टोक्स के शानदार शतक के बावजूद इंग्लैंड उबर नहीं सका और जीत के लिए 371 रनों का पीछा करते हुए 327 रन पर ऑलआउट हो गया. हालाँकि बेयरस्टो के आउट दिये जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया सभी के निशाने पर आ गया. और इंग्लैंड क्रिकेट प्रेमियों में आक्रोश फैल गया है. 


जानकारी के बता दें कि इसके बाद आस्ट्रेलियाई लोगों को 'धोखेबाज़' और न जाने क्या-क्या कहा जाने लगा. इस पर खूब हंगामा मच हुआ है. रन आउट को लेकर हंगामा हो रहा है. इसके बाद भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इस फैसले पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि "अरे स्लेजर्स... क्या खेल की भावना का तर्क आप पर लागू होता है या यह सिर्फ भारतीयों के लिए है?"



जानकारी के लिए बता दें कि यह ट्वीट देखकर 2011 में ट्रेंट ब्रिज नॉटिंघम में INDIA और ENGLAND के बीच नॉटिंघम टेस्ट की याद दिलाता है. जिसका गंभीर हिस्सा थे. जहां कुछ इसी तरह की घटना इयान बेल के बारे में सामने आई थी. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान यह मानकर क्रीज के बाहर घूम रहे थे कि गेंद पर चौका लगा है जबकि ऐसा नहीं हुआ था. इयोन मोर्गन ने इशांत शर्मा की गेंद को स्क्वायर लेग की ओर क्लिप किया था. भारतीय क्रिकेटर प्रवीण कुमार ने जाहिर तौर पर इसे गड़बड़ कर दिया था. 


प्रवीन कुमार को लगा कि गेंद बाउंड्री पार है. लेकिन रीप्ले में पता चला कि वह गेंद बाउंड्री के अंदर थी. हालांकि प्रवीण कुमार गेंद को बाउंड्री पर पकड़ने कामयाब रहे. गेंद को पुर्व भारतीय कप्तान के हाथ में फेंक दिया और धोनी दुसरें छोर पर खड़े खिलाड़ी के पास फेंक दिया. और बेल क्रीच के बाहर थे. दुसरे खिलाड़ी ने विकेट लेने में कामयाब रहा. बेल को आउट करार दिया गया.


जैसे ही मैच का अंत हुआ. भारतीय टीम शोर मचाते हुए मैदान से बाहर चली गई क्योंकि भीड़ को लगा कि यह क्रिकेट की भावना के खिलाफ है. आश्चर्यजनक रूप से जब टीमें चाय के बाद खेल फिर से शुरू करने के लिए लौटीं तो बेल बल्लेबाजी करने आए. जिसका जोरदार स्वागत किया गया. धोनी और टीम इंडिया ने अपनी अपील वापस ले ली थी और निर्णय को निरर्थक बना दिया गया था. जाहिर तौर पर सचिन तेंदुलकर ने धोनी को नाम वापस लेने के लिए मना लिया था. इसका संबंध इस तथ्य से भी हो सकता है कि उस समय भारत तीन महीने पहले विश्व कप जीतकर विश्व चैंपियन था.


विडंबना यह है कि जब खुद इंग्लैंड की बात आती है तो ये बहसें शांत हो जाती हैं. चाहे वह 2019 विश्व कप के फाइनल में बेन स्टोक्स का विवादास्पद डाइव हो जहाँ गेंद उनके बल्ले से टकराकर बाउंड्री के लिए चली गई थी. 


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