जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इतवार को कहा है कि वह 40 सालों तक संवैधानिक पदों पर रहे हैं, और अब चाहते हैं कि नई पीढ़ी को मौका मिले. उन्होंने यह भी कहा कि अगला विधानसभा चुनाव ऐसे शख्स के नेतृत्व में लड़ा जाना चाहिए जिससे राजस्थान में कांग्रेस सरकार दोबारा सत्ता में आ सके. जैसलमेर में गहलोत ने कहा, ‘‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि मेरे लिए कोई भी पद महत्वपूर्ण नहीं है. मैं 50 साल से सियासत में हूं और 40 साल से किसी न किसी पद पर. इससे ज्यादा किसी इंसान  को और क्या चाहिए ? 
 



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

युवा नेतृत्व में लड़ा जाए राजस्थान का चुनाव  
गौरतलब है कि गहलोत इतवार को जैसलमेर में तनोट माता के मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आए थे. गहलोत ने कहा कि मीडिया द्वारा फैलाया जा रहा है कि वह मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ना चाहते हैं, जबकि ऐसा विचार उनके दिमाग में कभी आया भी नहीं है. गहलोत ने कहा, “मैंने अगस्त में ही आलाकमान से कहा है कि अगला चुनाव ऐसे शख्स के नेतृत्व में लड़ा जाना चाहिए जिससे प्रदेश में फिर से चुनाव जीतने की संभावना बढ़े. चाहे वह मैं हूं या मेरे अलावा कोई और, उसे चुनें और सरकार बनाएं.“ 

पार्टी का अगला प्रमुख गांधी परिवार से नहीं होना होगा
गहलोत ने कहा कि राजस्थान एकमात्र बड़ा राज्य बचा है, जहां पर कांग्रेस सत्ता में है. उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान में कांग्रेस जीतती है, तो पार्टी फिर से मजबूत होगी और फिर पार्टी अन्य राज्यों में भी जीत दर्ज करेगी. गहलोत भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस पार्टी का अगला प्रमुख गांधी परिवार से नहीं होना होगा. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राजस्थान में उनके उत्तराधिकारी के बारे में फैसला सोनिया गांधी और माकन करेंगे. गहलोत का यह बयान राहुल गांधी द्वारा पार्टी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की अवधारणा का समर्थन करने के मद्देनजर आया था.

सचिन पायलट ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की 
खास बात यह है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की थी. उस वक्त कई अन्य विधायक भी पायलट के साथ मौजूद थे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं, लेकिन जोशी का नाम भी चर्चा में है. जोशी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं और साल 2008 में इस पद के दावेदार थे, लेकिन उस वक्त वह महज एक वोट से विधानसभा चुनाव हार गए थे. 


ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in