तिनका-तिनका जोड़ नौजवान ने इस तरह ख़रीदी अपनी ड्रीम बाइक कि लोग थोक भाव में देने लगे बधाई !
Man buys dream bike with coins in Assam: यह मामला असम के करीमगंज ज़िले का है, जहां एक नौजवान ने सालों तक सिक्के जमा करने के बाद अपनी ड्रीम बाइक ख़रीदी ( Buying Dream Bike) है. जब वह सिक्कों से भरी बोरी लेकर शो रूम पहुंचा तो वहां के स्टाफ को मालिक से इस बात की इजाज़त लेनी पड़ी कि सिक्कों के बदले में बाइक बेचनी है या नहीं ?
करीमगंजः अपने ख़्वाबों को पूरा होते देखने का एहसास कितना अच्छा होता होगा, जब कोई तिनका-तिनका जोड़कर इसे पूरा करता है ? ये बात असम के एक शख़्स से बेहतर भला कौन बता सकता है, जिसने अपनी ड्रीम बाइक (Dream Bike) ख़रीदने के लिए सालों तक सिक्के जमा (savings coins) किए और फिर इन पैसों से बाइक ख़रीद घर ले आया.
दरअसल, असम के करीमगंज ज़िले के रहने वाले एक छोटे कारोबारी की कहानी उस वक़्त सुर्ख़ियों में आ गई जब वह सिक्कों से भरा एक बोरा लेकर बाइक के शो रूम में बाइक ख़रीदने पहुंच गया.
50 हज़ार के सिक्के लेकर शो रूम पहुंचा था कारोबारी
करीमगंज ज़िले के रामकृष्ण नगर में सुरंजन रॉय नाम के एक कारोबारी रहते हैं. वह छोटा-मोटा काम कर अपनी ज़िंदगी की गाड़ी चलाते हैं. बाइक ख़रीदना उनका ड्रीम था. सनीचर की शाम सुरंजन ने अपने मोहल्ले के पास मौजूद एक टीवीएस शोरूम जाकर वहां काम करने वाले मुलाज़मीन से अपनी ड्रीम बाइक ख़रीदने की ख़्वाहिश ज़ाहिर की. अपाचे 160 उनकी ड्रीम बाइक थी. इस बाइक को ख़रीदने के लिए उसे एक लाख से ज़्यादा रुपये की ज़रूरत थी, लेकिन इतने पैसे उसके पास नहीं थे. इसलिए रॉय ने 50 हज़ार रुपये डाउन पमेंट देकर बाइक फाइनेंस कराने की ख़्वाहिश ज़ाहिर की.
स्टॉफ़ को मालिक से करना पड़ी बात
शोरूम पर काम करने वाले बरनाली पॉल ने कहा, ’’रॉय 29 अक्टूबर की शाम को हमारे शोरूम आए थे. उनकी ख़्वाहिश के मुताबिक़, हमने उन्हें अपाचे 160 सीसी की एपाचे बाइक दिखाई. बाइक को देखने के बाद, उस शख़्स ने हमें बताया कि, उसके पास 50,000 रुपये के सिक्के हैं, और बाक़ी बचे पैसे के लिए वह बैंक से लोन फाइनेंस कराना चाहते हैं.’’ पॉल ने कहा, ’’पहले तो हम सिक्कों से भरी बोरी को देखकर चौंक गए, लेकिन बाद में हमने अपने मालिक से बात की और फिर उस शख़्स को बाइक देने का फैसला किया.
लोग दे रहे हैं सुरंजन को मुबारकबाद
सुरंजन रॉय के मुताबिक़, अपाचे उनकी ड्रीम बाइक रही है. वह कई बरसों से इसे ख़रीदने का ख़्वाब देख रहे थे, लेकिन कभी इतने पैसे नहीं जमा नहीं हुए कि बाइक ख़रीदी जा सके. इसलिए उन्होंने बाइक ख़रीदने की एक तरकीब निकाली. रोज़-रोज़ उनके पास जो खुले पैसे आते हैं, उसे वह जमा करने लगे. ये काम वह सालों से कर रहे थे. उन्हें अंदाज़ा हो गया था कि अब तक इतने पैसे जमा हो गए होंगे कि उन पैसों से डाउन पेमेंट देकर बाक़ी के बचे पैसों को बैंक से फाइनेंस कराकर बाइक ख़रीदी जा सके. बाइक ख़रीदने के बाद रॉय के घर में ख़ुशियों का माहौल है. सोशल मीडिया पर उनकी ख़बर वायरल होने के बाद लोग उन्हें मुबारकबाद दे रहे हैं.
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