Assam Madarsa: असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि हम राज्य के प्राइवेट मदरसों को बेहतर कर रहे हैं. इन मदरसों को नियमों के मुताबिक़ चलाया जाएगा. डीजीपी ने कहा कि इसके लिए मुस्लिम समुदाय के लीडरों ने भी सरकार और पुलिस को अपना समर्थन दिया है. असम में मदरसों के सुधार करने की ग़र्ज़ से रियासती सरकार और पुलिस मिलकर काम कर रही है. डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने शनिवार को यह जानकारी शेयर की. इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मदरसों की तादाद को कम करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि हम मदरसों में जनरल ऐजुकेशन देना चाहते हैं और मदरसों में रजिस्ट्रेशन का अमल शुरू करना चाहते हैं.


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मदरसे नियमों के अनुसार चलेंगे: DGP
डीजीपी ने समाचार एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि हम असम के प्राइवेट मदरसों में सुधार ला रहे हैं. इन मदरसों को नियमों के हिसाब से चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए मुस्लिम तबक़े के लीडरों ने भी सरकार और पुलिस को अपना भरपूर समर्थन दिया है. बता दें कि कुछ प्राइवेट मदरसों में जिहादी गतिविधियों पर नज़र रखने और कई अल-कायदा और अंसारुल्ला बांग्ला टीम (ABT) मॉडल का पर्दाफाश किया गया था. इसके बाद असम सरकार ने प्राइवेट मदरसों में तालीम के मियार में सुधार की पहल की. ऐसे में कई मुस्लिम संगठनों के नुमाइन्दों और डीजीपी के बीच कई मीटिंग हुईं और प्राइवेट मदरसों में सुधार को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए.


"असम सरकार को मुस्लिम संगठनों का समर्थन"
इससे पहले  पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा था कि असम के सभी छोटे मदरसों को बड़े मदरसों में मिला दिया जाएगा, जबकि सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि सरकार रियासत में मदरसों की तादाद कम करना चाहती है. उन्होंने कहा था कि हम पहले मरहले में मदरसों की तादाद कम करना चाहते हैं. साथ ही मदरसों में जनरल एजुकेशन देने पर विचार कर रहे हैं और मदरसों में रजिस्ट्रेशन का अमल शुरू करना चाहते हैं. हम इस पर काम कर रहे हैं और असम सरकार को मुस्लिम संगठनों के नुमाइन्दों की हिमायत भी मिल रही है. 


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