VBA नेता आंबेडकर के औरंगजेब के मकबरे का दौरा करने पर AIMIM नाराज? बोले ऐसे बदले नेताओं ने बयान
Aurangabad News: औरंगाबाद समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में औरंगजेब को लेकर काफी विवाद हुआ. जिसके बाद अब एआईएमआईएम लीडर इम्तियाज जलील का बयान आया है. पढ़ें क्या है पूरा मामला
Aurangabad News: ऑल इंडिया मजलिएस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता इम्तियाज जलील ने दावा किया है कि वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के नेता प्रकाश आंबेडकर के मुगल बादशाह के मकबरे का दौरा करने के बाद राजनैतिक दवों की भाषा बदल गई है. औरंगाबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जब उन्होंने मकबरे ा दौरा किया था तब राजनैतिक दलों की भाषा अलग थी.
महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर विवाद
आपको जानकारी के लिए बता दें औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र के कई जगहों पर काफी विवाद हुआ था. जिसके बाद वीबीए नेता आंबेडकर ने मुगल बादशाह के मकबरे का दौरा किया था. इसका एआईएमआईएम ने समर्थन किय था. अब जलील ने एक पत्रकारों से बात करते हुए इस मामले को लेकर बयान दिया है.
क्या बोले इम्तियाज जलील
उन्होंने कहा- “जब हमने वहां (मकबरे) का दौरा किया था, तब उन्होंने (अन्य राजनीतिक दलों ने) जिस भाषा का इस्तेमाल किया था, वह आज बदल गई है. उन्होंने तब हंगामा खड़ा किया था, अब कहा जा रहा है कि उन्हें (आंबेडकर को) संविधान के तहत ऐसा करने का अधिकार है.” उन्होंने आगे कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि हर किसी को वह करने का अधिकार है जो वह करना चाहता है. हर किसी को जाने का अधिकार है जहां वह जाना चाहता है. ये ही संविधान की खूबसूरती है.
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इम्तियाज ने आरोप लगाया अभिव्यक्ति की आजादी को कुचला जा रहा है. जलील से यह पूछे जाने पर कि क्या वह औरंगजेब के मकबरे पर आंबेडकर के जाने का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि- "हां इसका समर्थन किया जा सकता है. वह वहां जाना चाहते थे. मैं दोरे का विरोध करने वालों से कहना चाहूंगा कि यह छत्रपति शिवाजी की सीख है। इसका विरोध करने वाले लोग नहीं जानते कि छत्रपति शिवाजी महान क्यों थे."
एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि वह नहीं जानके हैं कि आंबेडकर का मकबरे का दौरा करने के पीछे क्या मकसद था. लेकिन वह जानते हैं कि ढांटे के संरक्षण का जिम्मा केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग को है. उन्होंने आगे कहा- "मुझे पिछले 75 साल में एक भी ऐसा मौका बताएं, जब मुस्लिम समुदाय द्वारा औरंगजेब की जयंती मनाई गई हो या मुगल बादशाह के चित्र प्रदर्शित किए गए हों. भाजपा सत्ता में आई और अचानक ‘औरंगजेब...औरंगजेब’ का नाम उठने लगा।” जलील ने दावा किया कि अब ‘जहर के बीज बोने का काम किया जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि अगर सदियों पहले कुछ गलत हुआ था, तो आप आज उसका बदला नहीं ले सकते."