नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ लोकसभा सीट हुए उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार शाह आलम गुड्डू जमाली को हार मिली और वह तीसरे नंबर पर आए. लेकिन पार्टी चीफ मायावती ने इस नतीजे पर संतुष्टि का इजहार किया है. मायावती ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव को राहत भरा और कामयाब करार दिया है. 


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दरअसल, मायावती ने आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अपने पुराने मुस्लिम-दलित समीकरण का दांव चला था, जो काफी हद तक कामयाब रहा. जानकारों का मानना है कि मायावती के उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली बड़ी हद तक मुसलमानों का वोट अपनी तरफ करने में कामयाब रहे. अब मायावती इसी फॉर्मूले पर 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी का खाका तैयार कर रही है. इसी क्रम में मायावती ने ट्वीट कर अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि 2024 चुनाव में एक विशेष समुदाय को गुमराह होने से बचाना है. जानकारों का मानना है कि यहां विशेष समुदाय के मुराद मुस्लिम समाज है, जिसकी तरफ मायावती इशारा कर रही है.


मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि बीएसपी के सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और पार्टी प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली आदि ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव जिस संघर्ष व दिलेरी के साथ लड़ा है उसे आगे 2024 लोकसभा आम चुनाव तक जारी रखने के संकल्प के तहत चुनावी मुस्तैदी यथावत बनाये रखना भी ज़रूरी." 



उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा कहा कि "सिर्फ आज़मगढ़ ही नहीं बल्कि बीएसपी की पूरे यूपी में 2024 लोकसभा आम चुनाव के लिए जमीनी तैयारी को वोट में बदलने हेतु भी संघर्ष व प्रयास लगातार जारी रखना है. इस क्रम में एक समुदाय विशेष को आगे होने वाले सभी चुनावों में गुमराह होने से बचाना भी बहुत ज़रूरी."


गौरतलब है कि आजमगढ़ लोकसभा सीट हुए उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश लाल यादव उर्म निरहुआ ने जीत हासिल की. निरहुआ को 3,12,768 वोट मिले, जबकि सपा के धर्मेंद्र यादव 3,04,089 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे और वहीं बसपा के गुड्डू जमाली ने 2,66,210 वोट हासिल किया और तीसरे नंबर पर रहे. बसपा के गुड्डू जमाली अगरचि चुनाव हार गए, लेकिन बसपा इस चुनाव में अपने पुराने जनाधार को हासिल करके खुश है.


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