Sakshi Malik Babita Phogat: ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक (पहलवान) ने आत्मकथा 'विटनेस' में कुछ ऐसे सवाल उठाए हैं जिन्हें लेकर हंगामा मच गया है. किताब को लेकर हो रहे सवाल जवाब के बीच उन्होंने एक साक्षात्कार में दावा किया कि बबिता कुश्ती महासंघ की अध्यक्ष बनना चाहती हैं. उनके इस वार पर बबीता फोगाट ने पलटवार किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में साक्षी मलिक पर अपनी किताब बेचने के चक्कर में ईमान बेचने का आरोप लगाया है.


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ईमान बेचने का इल्जाम
बबीता फोगाट ने लिखा, "खुद के किरदार से जगमगाओ, उधार की रोशनी कब तक चलेगी. किसी को विधानसभा मिला किसी को मिला पद, दीदी तुमको कुछ न मिला हम समझ सकते है तुम्हारा दर्द. किताब बेचने के चक्कर में अपना ईमान बेच गई." बता दें कि इससे पहले बबीता के पिता महावीर सिंह फोगाट ने भी एक मीडिया इदार से बातचीत में साक्षी मलिक के इल्जामों पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि साक्षी से यह सब दीपेंद्र हुड्डा और प्रियंका गांधी कहलवा रही हैं.


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बृजभूषण से वास्ता नहीं
महावीर सिंह फोगाट ने कहा था, "पहलवानों के धरना प्रदर्शन में तो मैं भी गया था. इसका कोई वास्ता नहीं था. अब तो चुनाव भी हो गए हैं. उन लोगों ने बबिता को खुद ही साथ लिया था, ताकि समझौता हो जाए. चुनावों के बाद प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा उनसे यह बातें बुलवा रहे हैं. बबिता का बृजभूषण शरण सिंह से कोई वास्ता नहीं था. इन लोगों ने बबिता को अपने स्वार्थ के लिए बुलाया था, ताकि समझौता हो जाए. इन लोगों की बात मान ली जाए."


समझौते की कोशिश
उन्होंने कहा, "बबिता ने इस आंदोलन के दौरान बहुत कोशिश की कि समझौता हो जाएं. बृजभूषण शरण वाले मामले में भी बबीता ने कोशिश की. लेकिन सब ठीक नहीं हुआ. ये लोग अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं. वह (साक्षी मलिक) अपना नाम चमकाने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं."