Badlapur Rape Case पुलिस की लोगों से खास अपील; बिलकुल न दें इन बातों पर ध्यान
Badlapur Rape Case: बदलापुर मामले में एसआईटी जांच कर रही है, इस बीच मिनी पुलिस स्टेशन खोलने की भी मांग की जा रही है. उधर पुलिस ने लोगों से खास अपील की है.
Badlapur Rape Case: बदलापुर के एक स्कूल में दो लड़कियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न को लेकर महाराष्ट्र में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच, बदलापुर के एसीपी सुरेश वराडे ने गुरुवार को सभी से अपील की कि वे अफवाहों पर यकीन न करें. उन्होंने आगे कहा कि जो अफवाहें फैलाई गई हैं, वे सभी झूठी हैं और साइबर सेल ऐसा करने वाले दोषियों को नहीं बख्शेगा.
बदलापुर मामले में क्या है पुलिस का कहना?
बदलापुर के एसीपी सुरेश वराडे ने कहा, "कैंपस में हुई घटना को लेकर कुछ अफवाहें फैलाई जा रही हैं. पुलिस स्टेशन और कमिश्नर की ओर से लोगों से अपील की जा रही है कि वे अफवाहों पर यकीन न करें., अगर आपके कोई सवाल हैं या कुछ जानना चाहते हैं तो पुलिस से संपर्क करें. घटना की पीड़िता या उसके परिवार के खिलाफ जो भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, वे सभी झूठी हैं और ऐसी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ साइबर सेल के जरिए सख्त कार्रवाई की जाएगी."
हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच कर रही है. एसआईटी प्रमुख विशेष आईजी आरती सिंह मामले की जांच का नेतृत्व कर रही हैं.
एसआईटी कर रही है जांच
महाधिवक्ता बीरेन सराफ ने कोर्ट को बताया कि आरती सिंह एसआईटी की लीड हैं और वे पूरे मामले की जांच कर रही हैं. कोर्ट को बताया गया कि हर पहलू से जांच शुरू हो गई है और कहीं कोई चूक नहीं होगी. पुलिस ने एफआईआर की कॉपी और कुछ अहम दस्तावेज जज को सौंप दिए हैं. उन्होंने आगे कहा, "नाबालिगों के बयान दर्ज किए गए हैं, लेकिन धारा 164 के तहत नहीं.
क्या है बदलापुर का मामला?
बदलापुर मामले में दो नर्सरी का छात्राओं का एक सफाई कर्मी के जरिए यौन शोषण किया गया. जिसके बाद इलाके का माहौल काफी गर्म हो गया और लोगों ने तोड़ फोड़ भी की. 17 अगस्त को पुलिस ने स्कूल के एक अटेंडेंट को लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ़्तार किया.
महिलाओं के लिए बने खास पुलिस स्टेशन
इस घटना से बदलापुर के लोगों में भारी आक्रोश है. इस बीच, महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (MSCPCR) ने राज्य भर के हर पुलिस स्टेशन में महिलाओं और बच्चों के लिए खास ब्रांच या "मिनी-पुलिस स्टेशन" बनाने की सिफारिश की है.